नैनीताल, 27 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने जयपुर राजस्थान में आयोजित राष्ट्रीय सीनियर वालीबाल प्रतियोगिता में उत्तराखंड के खिलाड़ियों को प्रतिभाग न कर देने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका को वापस ले लिया। कोर्ट के पूर्व आदेश के क्रम में खेल सचिव व अतिरिक्त निदेशक कोर्ट में वर्चुअली पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य के खिलाड़ियों को इसलिए जयपुर नही भेजा जा रहा है क्योंकि उनका ट्रायल यही होना है और 38वे राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड में ही आयोजित होने है। इसलिए इन्हें नहीं भेजा जा रहा है। न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार खिलाड़ी प्रशांत सिंह बिष्ट ने हाईकोर्ट में याचिका में कहा था कि वालीबाल फेडरेशन आफ इंडिया (वीएफआई) की तदर्थ कमेटी की ओर से जयपुर में आगामी 7 जनवरी से 13 जनवरी 2025 के बीच राष्ट्रीय स्तर की सीनियर वालीबाल (महिला-पुरूष) प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें अधिकांश राज्यों की टीमें भाग ले रही हैं। उत्तराखंड की टीम को भी भाग लेने के लिए बुलाया गया है। प्रदेश के खेल महकमे की ओर से 11 दिसंबर, 2024 को तीन सदस्यीय कमेटी के गठन के साथ ही 16 दिसंबर से देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में ट्रायल किये जाने का फैसला किया गया। 12 दिसंबर को अतिरिक्त खेल निदेशक ने ट्रायल पर रोक लगा दी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वालीबाल फेडरेशन आफ इंडिया में गुटबाजी के चलते वर्ष 2019 से अब तक पांच सालों में कोई भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता नहीं हो पाई है। खिलाड़ियों को खेलने का अवसर नहीं मिल पाया है। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट से जयपुर प्रतियोगिता में खिलाड़ियों को भाग लेने की अनुमति देने की मांग की गई थी।
(Udaipur Kiran) / लता