जयपुर, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । आषाढ़ माह की पूर्णिमा 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाई जाएगी। इस दिन कई शुभ और विशेष संयोग भी बन रहे हैं। आषाढ़ पूर्णिमा को महाभारत के रचयिता वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, इस कारण इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई शनिवार को शाम 5:59 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 21 जुलाई, रविवार को अपराह्न 3: 46 मिनट पर होगी। उदया तिथि को देखते हुए गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा। इस बार गुरु पूर्णिमा पर कई शुभ योग का महासंयोग बन रहा है। दरअसल, इस तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5:37 मिनट पर शुरू होगा। वहीं, इसका समापन मध्य रात्रि 12:14 मिनट पर होगा। इसके साथ ही उत्तराषाढ़ा नक्षत्र भौर से लेकर मध्य रात्रि 12:14 मिनट तक रहेगा। साथ ही श्रवण नक्षत्र और प्रीति योग का भी निर्माण होगा। इसके अलावा विष्कंभ योग सुबह से लेकर रात्रि 9:11 मिनट तक रहेगा। अमृत योग 21 जुलाई को शाम 6.40 बजे तक रहेगा। वहीं प्रीति योग पूर्णिमा से अगले दिन 22 जुलाई शाम 5.58 बजे तक रहेगा।
(Udaipur Kiran) सैनी