-भगवान कार्तिकेय की पूजा एवं आराधना की गई
वाराणसी, 11 नवम्बर (Udaipur Kiran) । कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में कार्तिक सोमवार का विशिष्ट अनुष्ठान किया गया। धाम में स्थित कार्तिकेय संकुल में भगवान कार्तिकेय की विशेष पूजा अर्चन की गई। बाबा के दरबार में तीन विशिष्ट आयोजन भी किए गए।
मंदिर न्यास के अनुसार, ललिता घाट स्थित पद्मनाभेश्वर मंदिर में श्री हरि विष्णु जी की पुष्प आराधना और शिव धाम काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण स्थित भगवान अविमुक्तेश्वर महादेव (गुरुबाबा) के विग्रह के पास रुद्राभिषेक किया गया। मंदिर न्यास के अनुसार कार्तिक मास भगवान कार्तिकेय (स्कंद भगवान) की आराधना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में भगवान विष्णु के जाग्रत होने का पर्व देवोत्थानी एकादशी एवं बैकुंठ चतुर्दशी के कारण श्रीहरि और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना भी की जाती है, जो भक्तों को समृद्धि और सुख-शांति प्रदान करती है। भगवान कार्तिकेय स्वयं महादेव के पुत्र हैं तथा सोम (चंद्रमा) के अधिपति भी महादेव ही हैं। सोमनाथ स्वरूप में भगवान शिव का प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भी पूज्य है। अतः कार्तिक माह के सोमवार की शिव आराधना का महत्व विशिष्ट फलदायक होता है।
पावन अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ही यजमान की भूमिका में रहा। न्यास का प्रतिनिधित्व श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण एवं विशेष कार्याधिकारी उमेश सिंह ने किया।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी