जयपुर, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । तेजाजी दशमी और बाबा रामदेव जयंती शुक्रवार को श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाई गई। सुबह से ही तेजाजी और बाबा रामदेव मंदिरों में पहुंचे और परिवार सहित ढोक लगाई। पूजा-अर्चना कर खीर, पूडी, पुआ, नारियल, पताशे का भोग लगाकर जहरीले जीव-जंतुओं से रक्षा करने की प्रार्थना की।
मुख्य रूप से मानसरोवर, वीर तेजाजी (वीटी) रोड स्थित तेजाजी मंदिर में मेला भरा। हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। श्रद्धालुओं ने कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया। मानसरोवर के आसपास के गांवों के लोग जयकारे लगाते हुए मंदिर पहुंचे। सांगानेर स्थित तेजा जी के बाड़े में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु ढोक लगाने पहुंचे। यहां ज्योत प्रज्जवलित की गई। श्रद्धालुओं ने गेहूं सहित अन्य साबुत अनाज का दान किया। नाहरी का नाका शास्त्रीनगर स्थित बाबा रामदेव मंदिर में बाबा का अभिषेक किया गया। बाबा को पांच बार पोशाक धारण कराई गई। शाम को 1008 दीपकों से महाआरती की गई।
मानसरोवर, धोलाई में पत्रकार कॉलोनी के पास स्थित बाबा रामदेव और तेजाजी के मंदिर में मेला भरा। टोंक रोड, शिवदासपुरा स्थित तेजाजी मंदिर टीबड़ी और सांगानेर के रामपुरा, बीलवा में भजन संध्या का आयोजन हुआ। बरकत नगर, गोनेर रोड, मुरलीपुरा, हसनपुरा, सोडाला, बाढ़ देवरी, मुहाना, सांगानेर सांगासेतू रोड, बंबाला पुलिया, आदर्शनगर, शास्त्रीनगर सहित अन्य जगहों पर भी तेजाजी दशमी भक्तिभाव के साथ मनाई गई। झोटवाड़ा की शिल्प कॉलोनी, चौमूं पुलिया के नीचे स्थित बाबा रामदेव और तेजाजी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु ढोक लगाने पहुंचे। अंबावाड़ी और रोड नंबर चौदह स्थित रामदेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
घूमंतु बस्तियों में गूंजे रामसा पीर के भजन:
घूमुंतु जाति उत्थान न्यास की ओर से राजधानी की विभिन्न बस्तियों में बाबा रामदेव महाराज की जयंती मनाई गई। न्यास के जयपुर महानगर संयोजक राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि आकेड़ा डूंगर स्थित सपेरा बस्ती में बाबा रामदेव जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। बस्तीवासियों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर बाबा रामदेव जी के भजन सुनाए। इस मौके पर बाबा रामदेव जी महाराज की झांकी सजाई गई। बस्तीवासियों ने नारियल और बताशे का भोग लगाया। इसके बाद भोजन प्रसादी हुई। वीकेआई रोड नंबर नौ, बतीस दुकान स्थित लुहार बस्ती में बाबा रामदेव महाराज के मंदिर के सामने भजन-कीर्तन हुए।
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(Udaipur Kiran)