Delhi

नवरात्रि पर कला प्रदर्शनी ”सृजन के माध्यम से विशेष देवी स्तुति

संस्कार भारती 'कला संकुल' में चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नवरात्री के अवसर पर संस्कार भारती ‘कला संकुल’ में आज चित्रकला प्रदर्शनी ‘सृजन’ का उद्धघाटन हुआ। इसे संस्कार भारती, महाराष्ट्र प्रांत, पिंपरी चिंचवड समिति की ओर से आयोजित किया गया है। इस विशेष प्रदर्शनी में चार कला साधक अपनी कलाकृतियों के माध्यम से अपनी चित्रकला का प्रदर्शन कर रहे है , जिसमें विविध कलात्मक शैलियों और विषयों की झलक प्रस्तुत की गई है ।

सभी कलाकार राजश्री तावरे, सोपान तावरे, लिना आढाव, प्रफुल्ल भिष्णूरकर संस्कार भारती, पिंपरी चिंचवड के सदस्य है । पेंटिंग में ऐक्रेलिक रंगों से स्त्री और मायबोली पर आधारित चित्रों का निर्माण अजिंठा चित्रशैली और प्रतिबिंब पर कलाकृतियाँ शिवशक्ति और स्लेट पर कार्विंग कला का प्रमुख रूप से प्रदर्शित की गयी है। यह प्रदर्शनी 5 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक, सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक संस्कार भारती कला संकुल, 33, पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, दिल्ली में रहेगी ।

संस्कार भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री अभिजीत गोखले ने कहा कि संस्कार भारती की कला संकुल में नवरात्री में सृजन प्रदर्शनी का आयोजन हो रहा है, वैसे तो इस कला संकुल में सभी प्रकार की कला विधियां और कला गतिविधियाँ नियमित रूप से चलती रहती है, पर शक्ति आराधना का पर्व चल रहा है और शक्ति को सृजन की देवी माना गया है तो इस अर्थ से प्रदर्शनी का शीर्षक अत्यंत सार्थक है । विशेष रूप से तीन शैलियों का प्रमुख रूप से चित्रण करती है पहली अजंता पेंटिंग, जो सदियों से चित्रकारों को प्रभावित करती आ रही है, दूसरी नवरात्रि पर महिला विषय और तीसरी शिव-शक्ति की आराधना जो प्रदर्शनी के विषय को प्रासंगिकता से जोड़ रही है ।

चित्रकला प्रदर्शनी उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि संजीव किशोर गौतम डायरेक्टर जनरल, नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट, भारत सरकार सहित अभिजीत गोखले अखिल भारतीय संगठन मंत्री, संस्कार भारती, जनरल एस.पी. सिन्हा एवं शैलेश श्रीवास्तव (संपादक एवं परामर्शदाता, ललित कला अकादमी) सहित कई व्यक्तियों की उपस्थित थे ।

संजीव किशोर गौतम ने चित्रकला की प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए अपने संबोधन में कहा “भारतीय कला संस्कृति की परंपरा को अपने कला के माध्यम से संयोजन और संवर्धन करने वाले हमारे सभी कलासाधक द्वारा वर्तमान कालखंड भारतीय संस्कृति के पुनरुद्धार में एक महत्वपूर्ण भूमिका में है, नवरात्री के अवसर पर चित्रकला विधा द्वारा वास्तव में ये देवी स्तुति तुल्य है अतः शक्ति के आराधना के पर्व में प्रासंगिक प्रदर्शनी हेतु आयोजक बधाई के पात्र है ।”

(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी

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