भोपाल, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर मध्यप्रदेश पुलिस महिला सुरक्षा शाखा द्वारा समाज में महिलाओं एवं बालिकाओं के विरूद्ध हो रहे अपराधों एवं हिंसा की रोकथाम और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ”मैं हूँ अभिमन्यु” अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत विशेष रूप से पुरूषों को जागरूक किया जाएगा। इस अभियान में तीन अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक सहयोग, सम्मान और समानता की थीम पर सर्वव्यापी जागरूकता अभियान पूरे प्रदेश में संचलित किया जा रहा है।
अभियान में नुक्कड़ नाटक, प्रश्नावली, लघु फिल्म,पोस्टर्स, जनजागरूकता रैली आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक स्टॉफ, स्वंयसेवी संस्थाओं सहित शासकीय विभागों का सहयोग लिया गया है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पूरे देश में स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। इसी परिपेक्ष्य में मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर यह अभियान मानसिक स्वच्छता हेतु एक दस दिवसीय अनूठा अभियान है। इसमें सभी वर्ग विशेषत: पुरूष,लड़के एवं युवा वर्ग उत्साह से भाग ले रहे हैं।
अभियान का उद्देश्य:-
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बाल्यकाल से ही पुरूषों में लैगिंक समानता एवं एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना जाग्रत करना, महिलाओं की प्रति विशेष सम्मान की भावना जाग्रत की जाकर महिला अपराधों के प्रति संवेदनशील बनाना, शिक्षा के माध्यम से विभिन्न अपराधों की जानकारी दी जाकर उनके दुष्परिणाम से अवगत कराना, समय-समय बालकों के क्रियाकलापों का आकलन किया जाकर उनके दुष्परिणामों से अवगत कराना, प्रारंभिक अवस्था से ही प्रत्येक महिला के प्रति सम्मान एवं आदर का दृष्टिकोण रखने हेतु प्रोत्साहित किया जाना, युवा वर्ग को महिला अधिकारों की प्रति अवगत कराया जाकर महिलाओं को अपने विचार रखने की स्वतंत्रता एवं उनके विचारों को प्रति सम्मानजनक भाव रखने की शिक्षा दी जाना तथा वर्तमान में तकनीकों के माध्यम से समाज में जो अश्लीलता व्याप्त है उनसे दूर किया जाकर शिक्षा/संस्कारों पर जोर दिया जाना है।
महिला सुरक्षा शाखा द्वारा निर्मित लघु फिल्मों का होगा प्रर्दशन:-
महिला सुरक्षा शाखा पीएचक्यू भोपाल द्वारा समाज में गिरते हुए पारिवारिक मूल्यों तथा संस्कारों के प्रति जाग्रत करने के लिए तीन लघु फिल्मों का निर्माण कर विभिन्न प्लेटफार्मो पर उनका प्रर्दशन सुनिचित किया जा रहा है ताकि लोग महिलाओं/ बालिकाओं के प्रति अपनी संस्कृति के अनुरूप गरिमामय आचरण करें।
(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा