वाराणसी, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । सावन माह के पहले सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन और उनकी सुरक्षा के साथ भीड़ प्रबंधन की खास व्यवस्था की गई है। शनिवार को वाराणसी परिक्षेत्र के कमिश्नर कौशलराज शर्मा ने मंदिर न्यास के पदाधिकारियों, पुलिस, सीआरपीएफ और जिला प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक की। बैठक में धाम परिसर में श्रद्धालुओं को प्रदान की जाने वाली मूलभूत सुविधाओं के बिंदुओं पर चर्चा हुई। धाम में पेयजल की उपलब्धता, चिकित्सकीय प्रबंधन, भीड़ प्रबंधन, पीए सिस्टम, सम्पूर्ण धाम की साफ-सफाई आदि व्यवस्थाओं को व्यापक स्तर पर लागू करने के लिए समस्त विभागों को आपस में समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया गया।
कमिश्नर ने धाम में सुरक्षा के दृष्टिगत समस्त बिजली के उपकरणों, सीसीटीवी के सुचारू संचालन, अग्निशमन संबंधी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखने के लिए निर्देशित किया। बैठक के बाद कमिश्नर ने सम्पूर्ण धाम में पूरे श्रावण मास संबंधी समस्त व्यवस्थाओं का परखा। शेष तैयारियों को जल्द से जल्द पूर्ण करने को कहा।
मंदिर न्यास के अफसरों के अनुसार धाम में दर्शनार्थियों के आवभगत के लिए समस्त तैयारियां पूर्ण की जा रही हैं। इस वर्ष प्रथम बार सिल्को द्वार से भी प्रवेश की व्यवस्था की गई है। इस वर्ष जिग-जैग रेलिंग में ऊपर एवं नीचे दोनों तरफ बैरिकेड कर भीड़ के दबाव को और अधिक रोकने की व्यवस्था भी की जा रही है। इस वर्ष पंक्तिबद्ध श्रद्धालुओं को इंडस्ट्रियल एयर कूलर के माध्यम से उमस एवं गर्मी से राहत देने की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त नियमित अंतराल पर संपूर्ण धाम क्षेत्र में शीतल पेय जल की व्यवस्था रहेगी। चिकित्सकीय प्रबंध एवं ओआरएस की व्यवस्था भी की गई है।
21 यादव बंधुओं को जलाभिषेक की अनुमति
सावन माह के पहले सोमवार को यादव बंधु ही बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करते हैं। यह वर्षों पुरानी काशी की परंपरा है। इस बार मात्र 21 यादव बंधुओं को जलाभिषेक की अनुमति दी गई है। भीड़ और भक्तों की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। चंद्रवंशी गोप सेवा समिति, गोवर्धन पूजा समिति और अखिल भारतीय यादव महासभा के साथ अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) कमिश्नरेट एस चन्नप्पा और श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक विश्व भूषण मिश्र ने मंदिर के पिनाक भवन में बैठक की। बैठक में तय हुआ कि सावन में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए 21 यादव बंधु ही गर्भगृह में जलाभिषेक करेंगे। बाकी को गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से झांकी दर्शन कराया जाएगा। यादव बंधु जल लेकर ध्वज के साथ डमरू वादन करते हुए चलेंगे। समिति के अध्यक्ष लालजी यादव ने बताया कि यात्रा परंपरागत मार्गों से निकलेगी। सुबह आठ बजे केदारघाट से कलश यात्रा आरंभ होगी। गौरी केदारेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद तिलभांडेश्वर महादेव, बड़ी शीतला मंदिर, अहलेश्वर महादेव के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर तक यात्रा जाएगी। इसके बाद महामृत्युंजय महादेव, त्रिलोचन महादेव, ओंकालेश्वर महादेव और बाबा लाटभैरव के दर्शन के साथ पूर्णाहुति होगी।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी / पवन कुमार श्रीवास्तव