
शिमला, 24 मई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश पुलिस महकमे में एक बड़ा विवाद सामने आया है। शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव गांधी ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलते हुए उन पर आरोप लगाए हैं। यह टकराव उस वक्त सामने आया है जब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हिमाचल पावर कॉर्पाेरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत मामले में सीबीआई जांच के आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट के आदेश के एक दिन बाद एसपी संजीव गांधी ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीजीपी पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने विमल नेगी मामले में जो शपथपत्र अदालत में दाखिल किया है, वह गैर-जिम्मेदाराना है।
एसपी गांधी ने आरोप लगाया कि डीजीपी द्वारा दायर किए गए इस शपथपत्र से उनकी एसआईटी द्वारा की गई निष्पक्ष जांच की साख पर सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने पूरी ईमानदारी और पेशेवर निष्ठा के साथ इस मामले की जांच की थी और अब वे डीजीपी के इस शपथपत्र को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
संजीव गांधी ने कहा कि 10 मार्च को जैसे ही पुलिस को विमल नेगी के लापता होने की जानकारी मिली तो तत्काल एक्शन लेते हुए संभावित स्थानों पर तलाश शुरू की गई। 15 मार्च को डीजीपी के आदेश पर एसआईटी का गठन हुआ, जिसकी कमान एडीजीपी सीआईडी को सौंपी गई। लेकिन 18 मार्च को जब गोविंद सागर झील से विमल नेगी का शव मिला, तब से जांच की ज़िम्मेदारी पूरी तरह उस एसआईटी के पास थी जो डीजीपी द्वारा गठित की गई थी।
उन्होंने कहा कि इसके बाद शिमला पुलिस ने खुद एक अलग एसआईटी गठित कर लगभग डेढ़ महीने तक गहन जांच की। इस दौरान कई महत्त्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए गए जो इस केस की जटिलता और संभावित अपराध की ओर इशारा करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने हर कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए मृतक की मनोस्थिति, व्यवहार और उससे जुड़े लोगों की भूमिका को ध्यान में रखकर जांच की।
हाईकोर्ट द्वारा मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश के बाद एसपी संजीव गांधी ने अपनी एसआईटी की जांच को रोक दिया है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी टीम द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट एक “प्रीविलेज डॉक्यूमेंट” है, जिसे कोर्ट में प्रस्तुत कर वे यह साबित करना चाहेंगे कि उनकी जांच निष्पक्ष, तथ्यात्मक और कानूनसम्मत थी।
एसपी ने कहा कि वे जल्द ही हाईकोर्ट में अपील दाखिल करेंगे, जिसमें डीजीपी द्वारा दाखिल किए गए शपथपत्र की वास्तविकता उजागर की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी एसआईटी द्वारा जुटाए गए प्रमाण इस बात की ओर इशारा करते हैं कि विमल नेगी की मौत कोई साधारण घटना नहीं थी। मृतक के परिवार द्वारा जताई गई हत्या की आशंका को भी उनकी टीम ने गंभीरता से लिया था और उस दिशा में भी जांच की गई थी।
भावुक होते हुए संजीव गांधी ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा पुलिस करियर तपस्या की तरह जिया है। यदि कोई उनकी प्रोफेशनल इंटेगिरिटी पर सवाल उठाएगा तो वे पद छोड़ना पसंद करेंगे, लेकिन अपमान सहन नहीं करेंगे।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
