Uttar Pradesh

गंगा जल से वनखंडेश्वर मंदिर का शुद्धीकरण, सपा नेत्री नसीम सोलंकी ने किया था जलाभिषेक

वनखंडेश्वर मंदिर को शुद्धिकरण के लिए हाथ में गंगाजल लिए पुजारी

कानपुर, 02 नवम्बर (Udaipur Kiran) । सीसामऊ विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में जहां राजनीतिक पारा गर्म है तो वहीं अब वनखंडेश्वर मंदिर भी एक मुद्दा बनता दिखाई दे रहा है। यह मंदिर भी सीसामऊ सीट के अंतर्गत आता है, जहां पर दीपावली के दिन सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी ने भगवान शिव की पूजा की थी। इस दौरान उन्होंने जलाभिषेक के साथ मंदिर में दीप भी जलाया था। दो दिन बाद शनिवार को पुजारियों ने हरिद्वार से गंगाजल मंगाकर पूरे मंदिर का शुद्धीकरण किया, जिससे चुनाव में राजनीतिक बहस तेज हो गई है।

गौरतलब है कि सपा विधायक रहे इरफान सोलंकी को कोर्ट से सात साल की सजा हो गई थी, जिससे सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। इस क्षेत्र से सोलंकी परिवार लगातार छह बार से सपा से जीतता आ रहा है, लेकिन उपचुनाव में अबकी बार भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। इससे चुनाव जबरदस्त कांटे का हो गया है और परिणाम किधर जाएगा, इसका आंकलन बड़े-बड़े राजनीतिक पंडित भी नहीं कर पा रहे हैं। इसी बीच सपा उम्मीदवार इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी ने दीपावली के दिन प्रसिद्ध वनखंडेश्वर मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की और भगवान शिव का आशीर्वाद लिया। नसीम ने शिवलिंग पर जलाभिषेक के साथ मंदिर में दीप भी जलाया था। इसे लेकर सबसे पहले मुस्लिमों की ओर से विरोध किया गया और बरेली से फतवा भी जारी हो गया। हालांकि कानपुर के मुस्लिम धर्म गुरु इस पर किसी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। ऐसे में नसीम ने भी साफ कर दिया कि वह वोट बैंक की राजनीति के लिए मंदिर नहीं गई थीं। हमारे मजहब में किसी धर्म का निरादर करने की बात नहीं कही गई है। इससे मामला कुछ ठंडा पड़ा था लेकिन शनिवार को वनखंडेश्वर मंदिर समिति के पदाधिकारियों और पुजारियों ने हरिद्वार से गंगा जल मंगाकर शिवलिंग को गंगाजल से धोया। इसके साथ ही गंगाजल से पूरे मंदिर का शुद्धीकरण किया गया। ऐसे में सीसामऊ उपचुनाव में मंदिर भी एक मुद्दा बनता दिखाई दे रहा है और इसे लेकर लोगों के बीच राजनीतिक बहस तेज हो गई है।

वनखण्डेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी रामनरेश मिश्र का कहना है कि इरफान सोलंकी और उनके पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी कभी मंदिर के अंदर नहीं आए। वह मंदिर के बाहर ही रहे, लेकिन अब मंदिर को राजनीति का अड्डा बनाया जा रहा है। नसीम के मंदिर में आने से शिवभक्तों में आक्रोश है। अगर वह मंदिर में आई ही थी तो इसकी सूचना दे दी जाती, गंगाजल से शुद्धीकरण कर दिया जाता।

(Udaipur Kiran) / अजय सिंह

Most Popular

To Top