सोलन, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । शिक्षा सभी का अधिकार है और शिक्षा से ही समाज की नींव मजबूत की जा सकती है । आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं और गलत रास्तों पर भटक जाते हैं । इसी सोच के साथ जिला सोलन के औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन की पुलिस अधीक्षक इल्मा अफरोज ने झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाली बच्चों को साक्षरता का ज्ञान देने का बीड़ा उठाया है, जो काफी सराहनीय है ।
मूल रूप से इस क्षेत्र में रह रहे प्रवासियों के बच्चे पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं जा पाते हैं क्योंकि इनके अभिभावक पालन पोषण के लिए रोजगार की तलाश में यहां आए हैं । इन बच्चों को अक्षर ज्ञान के साथ उनके अधिकार और कर्तव्य बताए जा रहे हैं।
इल्मा अफरोज ने करीब डेढ़ महीने पहले बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था । शुरुआत में बच्चों की संख्या बहुत कम थी, लेकिन अब बच्चों की संख्या अस्सी के करीब हो गई है।
एसपी इल्मा अफरोज बद्दी में मां के साथ रहती हैं। एक दिन शाम को वह मां के साथ सैर करने निकलीं तो कुछ प्रवासी बच्चे पानी की तलाश में भटक रहे थे। उन्होंने बच्चों को अपने कार्यालय से पानी दिया । जब उन्होंने इन बच्चों को उनके स्कूल और पढ़ाई के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसके चलते उनका दाखिला स्कूल में नहीं हो पाया है । यहीं से ही पुलिस अधीक्षक ने बच्चों को पढ़ाने का मन बनाया । उन्होंने उन बच्चों को अपनी ड्यूटी के बाद कुछ समय पढ़ाने का फैसला किया । उनकी बात सुनकर बच्चे भी पढ़ाई करने को तैयार हो गए।
ईल्मा अफरोज ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय के हाॅल में ही बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया।
शिक्षा के अभाव में यह बच्चे भीख मांगने, समान चुराने, कबाड़ उठाने व मोबाइल और सोने की चेन तक छीनने जैसे काम करते थे। इनमें से तीन चार बच्चों को पुलिस ने ऐसा करते पकड़ा भी था।
ईल्मा अफरोज ने अपने बारे बताया कि उनके पिता अंग्रेजी नहीं जानते थे। लेकिन वह चाहते थे कि उनकी बेटी उच्च शिक्षा प्राप्त करे । ईल्मा ने इंग्लैंड के प्रतिष्ठित विवि ऑक्सफोर्ड से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है । बकौल ईल्मा अफरोज एक किसान परिवार से हैं। उनके पिता अंग्रेजी नहीं जानते थे। वे चाहते थे कि उनकी बेटी अंग्रेजी पढ़े। इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए उन्होंने इंग्लैंड से पढ़ाई की। आईपीएस बनने से पूर्व वह संयुक्त राष्ट्र में काम करती थीं।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / संदीप शर्मा शुक्ला