
जयपुर, 28 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड में अधीक्षण अभियंता के पद पर पदोन्नति को लेकर साल 2022-23 और बाद के सालों में हुई अनियमिता को लेकर प्रमुख कार्मिक सचिव, प्रमुख ऊर्जा सचिव, आरआरवीपीएनएल चेयरमैन और एमडी सहित डीपीसी कमेटी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश अधिशासी अभियंता के पद से रिटायर हुए राजेन्द्र प्रसाद तिवारी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता स्वप्निल सिंह पटेल ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड में अधिशासी अभियंता के तौर पर कार्यरत था। नियमानुसार साल 2024-25 की डीपीसी में उसका अधीक्षण अभियंता के तौर पर प्रमोशन होना था। वहीं साल 2022-23 से लेकर बाद में समय-समय पर आयोजित डीपीसी में आरक्षण वर्ग के पदों को लेकर अनियमिता बरती गई। जिसके चलते याचिकाकर्ता का प्रमोशन नहीं हो सका और उसे रिटायर होना पडा। याचिका में कहा गया कि नियमानुसार आरक्षित वर्ग का उपयुक्त कर्मचारी नहीं मिलने पर उस पद को अगले साल की डीपीसी के लिए फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता और ऐसे पद को सामान्य वर्ग के कर्मचारी से भरा जा सकता है। कार्मिक विभाग ने भी साल 2008 को परिपत्र जारी कर इस संबंध में प्रावधान कर रखा है। इसके बावजूद बिजली कंपनी में साल 2022-23 और उसके बाद आयोजित डीपीसी में एससी वर्ग की सीट को अगली डीपीसी के लिए फॉरवर्ड कर दिया। जिसके चलते याचिकाकर्ता का प्रमोशन नहीं हो सका। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)
