
जयपुर, 8 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से गत 17 फरवरी को आदेश जारी कर जगद्गुरू रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय का बजट रोकने के मामले में संस्कृत शिक्षा सचिव, वित्त सचिव व विवि के पूर्व वित्त नियंत्रक दुर्गेश राजोरिया से 15 अप्रैल तक जवाब देने के लिए कहा है। जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश विवि के वीसी की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि विश्वविद्यालय में दुर्गेश राजोरिया को वित्त नियंत्रक नियुक्त किया था और उसके पास ही परीक्षा नियंत्रक का भी चार्ज था। इस दौरान उसने बिना एनरोलमेंट के ही करीब 600 स्टूडेंट्स को परीक्षा दिलवा दी। वहीं बाद में उन्होंने स्वयं ही प्रस्ताव बनाकर भेजा कि हर स्टूडेंट से 5000 रुपए वसूले जाए। याचिका में कहा गया कि स्टूडेंट्स से यह राशि वसूलने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं था और इसलिए विवि ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं दी। वहीं मामला राज्यपाल के यहां जाने पर इसकी जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई। कमेटी ने राजोरिया को दोषी करार दिया, लेकिन इस दौरान ही मिलीभगत कर राज्य सरकार से आदेश जारी करवा लिया कि जब तक स्टूडेंट्स से राशि की वसूली नहीं होतजी, तब तक विवि को बजट जारी नहीं किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)
