Haryana

सोनीपत: सनातन धर्म मानवीय सेवा और करुणा का प्रतीक है:महामंडलेश्वर बाबा कमलपुरी

21 Snp-4  सोनीपत: जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय सचिव         और गुरु गद्दीनशीन महामंडलेश्वर बाबा कमलपुरी महाराज आशीर्वाद देते हुए
प्रसाद ग्रहण करते हुए साधु
ब्रह्मलीन         बाबा मछंदर पुरी जी महाराज की तृतीय पुण्यतिथि पर रक्तदान करते हुए श्रद्धालु

-जूना अखाड़े का गौरव रहे बाबा मछंदर

पुरी महाराज

-ब्रह्मलीन बाबा मछंदर पुरी जी महाराज

की तृतीय पुण्यतिथि पर श्रद्धालुओं ने रक्तदान किया, अनंत भंडारा लगाया

सोनीपत, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । जूना

अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय सचिव और गुरु गद्दीनशीन महामंडलेश्वर बाबा कमलपुरी महाराज

ने कहा कि सनातन धर्म केवल पूजा-पाठ के साथ साथ मानवता सर्वोपरि है, यह सेवा और करुणा

का प्रतीक है। पूरे विश्व के सामने यह बेहतरीन उदाहरण। अपने

दिव्य संदेश में महाराज ने गुरुवार को कहा कि आश्रम में विशाल रक्तदान शिविर का

आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने रक्तदान कर समाज सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत

किया।

श्रद्धालुओं को सनातन धर्म के महत्व और उसकी दिव्यता केा आतमसात किया है। गोहाना

स्थित डेरा बाबा लक्ष्मण पुरी आश्रम में ब्रह्मलीन बाबा मछंदर पुरी जी महाराज की तृतीय

पुण्यतिथि पर श्रद्धालुओं और भक्तों का विशाल जनसैलाब उमड़ा। कार्यक्रम

की शुरुआत प्रातः हवन-यज्ञ से हुई, जिसमें बाबा कमलपुरी महाराज ने समर्पण और धर्म के

प्रति आस्था को केंद्र में रखा। इसके बाद बाबा मछंदर पुरी जी की प्रतिमा और अन्य देवी-देवताओं

की मूर्तियों पर भोग अर्पित किया गया। आश्रम में विशाल अनंत भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें

हरियाणा के सोनीपत, रोहतक, पानीपत, करनाल और अंबाला समेत धार्मिक नगरी हरिद्वार से

हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इस अवसर पर जूना अखाड़े के साधु-संतों के

अलावा, राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी उपस्थिति दर्ज की।

रोहतक से बाबा करण

पुरी जी, शिवम एंक्लेव अन्नपूर्णा मंदिर के संचालक बलदेव राज शर्मा, और वरिष्ठ भाजपा

नेता राजेश लुब्बा समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति श्रद्धा व्यक्त करने पहुंचे। यह आयोजन

बाबा मछंदर पुरी जी की शिक्षाओं और जूना अखाड़े की परंपराओं को जीवंत रखने का प्रतीक

बना है। श्रद्धालुओं ने भक्ति और सेवा के इस माहौल को अनुभव करते हुए धर्म और संस्कृति

के प्रति अपनी आस्था को और अधिक प्रगाढ़ किया।

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(Udaipur Kiran) परवाना

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