सोनीपत, 3 नवंबर (Udaipur Kiran) ।
दिवाली के बाद से प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ गया है, जिससे
वातावरण में खतरनाक असर दिखने लगा है। वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में
कठिनाई और आंखों में जलन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
रविवार सुबह जिले में
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 324 तक पहुंच गया, जबकि पीएम-10 का स्तर 233 और पीएम-2.5
का स्तर 370 दर्ज किया गया। हालांकि, शाम को कुछ राहत मिली और एक्यूआई 298 पर आ गया।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएची) के दूसरे चरण के लागू
होने के बावजूद, कूड़ा जलाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रदूषण के चलते
सुबह हल्का स्मॉग छाने लगा है, जिससे सड़कों पर दृश्यता कम हो गई है।
प्रदूषण का यह
स्तर न केवल स्वस्थ लोगों के लिए हानिकारक है, बल्कि पहले से सांस की बीमारी से पीड़ित
लोगों के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।
नागरिक अस्पताल के चिकित्सक, डॉ. शैलेंद्र
राणा ने लोगों को सलाह दी है कि ठंडा पानी पीने से बचें क्योंकि यह ठंडक में शरीर के
अंदर कणों के जमने की संभावना बढ़ा देता है। आंखों में जलन हो तो ठंडे पानी से धोने
की सलाह भी दी गई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की धीमी गति भी प्रदूषण को कम होने
से रोक रही है। शनिवार को हवा की गति 4 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जो प्रदूषकों को फैलने
से रोक रही है और प्रदूषण का स्तर घटने नहीं दे रही है। जब तक हवा की गति में सुधार
नहीं आता, तब तक प्रदूषण का असर लोगों पर बना रहेगा।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी प्रदीप सिंह के अनुसार,
प्रदूषण फैलाने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। कूड़ा जलाने जैसे मामलों में
विशेष छापेमारी की जा रही है, और किसी के खिलाफ आगजनी करते पाए जाने पर सख्त कार्रवाई
की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) परवाना