सोनीपत, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । राष्ट्र संत शकाहार प्रवर्धक उपाध्याय डा. गुप्ति सागर जी
महाराज ने कहा है कि गुरू मकरन्द की मानिन्द होते हैं, जो हर प्राणी के मन-प्राण और
नासिका को सुरभित करते हैं। उनका जीवन सूर्य-चांद की तरह निःस्वार्थ होता है। बिना
किसी भेद-भाव के सभी को अपना प्रकाश और ज्योत्सना सहज भाव से लुटाते हैं।
जीटी रोड गन्नौर स्थित जैन तीर्थ गुप्ति धार्म में पावन पर्व
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम रविवार को गुरुवर ने कहा कि दुःखों की बरसात
में, गुरु छतरी हैं नेक। इसे लगाकर जो चले, भींगने न पाये एक। गुरु अंधकार से प्रकाश
में लाता है सदमार्ग दिखाता है। मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने
कहा कि गुरु की महिमा अपरंपार है, गुरु व्यक्ति को अध्यात्म का ज्ञान देता है और अध्यात्म
ही जीवन में सुख का मार्ग है, जीवन की मौलिकता सिखाने में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका
होती है।
राजीव जैन गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु सरोज माता धाम, माता
अंजनी धाम, जैन स्थानक में मणीभद्र महाराज, श्री कृष्ण साधना केंद्र मुरथल में स्वामी
दयानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि प्रथम गुरु मां से इंसान संस्कार
सीखता है, द्वितीय गुरु अध्यापक से ज्ञान और तृतीय धर्म गुरु से धर्म ध्यान, यही तीन
गुरु इंसान को मानव जीवन को सार्थक करने के मार्ग को दिखाते हैं।
पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन ने श्री दिव्यानंद सूरीश्वर
जी महाराज के चातुर्मास के निमित चिंतपूर्णी मंदिर से गुरु जी की शोभायात्रा का शुभारंभ
किया और महाराज जी का आशीर्वाद लिया। महाराज जी का चातुर्मास भाजपा नेता श्रीमती रेखा
गर्ग के निवास पर होगा। सूरीश्वर जी महाराज निराले बाबा के नाम से प्रसिद्ध है और भक्तों
के जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान करते हैं।
(Udaipur Kiran) परवाना / SANJEEV SHARMA