सोनीपत, 22 सितंबर (Udaipur Kiran) । नेपाल केसरी राष्ट्र संघ मानव मिलन के संस्थापक डॉ.मणिभद्र
मुनि जी महाराज ने कहा कि प्रतियोगी युग में हम बड़े और श्रेष्ठ बनने की होड़ में लगे
हुए हैं, लेकिन सबसे पहले हमें एक अच्छा इंसान बनना है। उन्होंने दिव्य संदेश में कहा
कि भगवान ने हमें मानव रूप में पृथ्वी पर उतारा है और मानव बनना ही हमारा पहला धर्म
है।
वह सेक्टर 12 स्थित गेटवे इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय
मानव मिलन सम्मेलन के रंगारंग समापन सत्र में मंगलकारी प्रवचनों की रसधारा प्रवाहित
कर रहे थे। दो दिवसीय सम्मेलन में नेपाल और भारत से सैकड़ों श्रद्धालु श्रावक शामिल
हुए। डॉ मणिभद्र मुनि जी ने कहा कि मानव मिलन संस्था सेवा, शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र
में कार्य कर रही है। कोई भी आध्यात्मिक व्यक्ति इस संस्था से जुड़कर समाज सेवा कर
सकता है। डॉ मुनि जी ने कहा कि यदि हमारे मन में करुणा और दया का भाव है, तो हम एक-दूसरे
की सेवा के लिए तत्पर रह सकते हैं। अगर हमें भगवान तक पहुंचना है, तो सबसे पहले हमें
अपने स्वार्थ से ऊपर उठना होगा। स्वार्थी व्यक्ति कभी सेवा नहीं कर सकता।
पूर्व मंत्री कविता जैन ने कहा कि भगवान की सबसे बड़ी रचना
मानव है और उसकी सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने मानव मिलन संस्था की सराहना करते
हुए कहा कि संस्था बिना किसी भेदभाव के शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य कर
रही है। भाजपा नेता राजीव जैन ने कहा कि सेवा ही सच्चा धर्म और कर्म है। उन्होंने महावीर
स्वामी के अहिंसा धर्म की चर्चा करते हुए मानव मिलन संस्था के कार्यों की सराहना की।
हर्ष कुमार मनोत, अभय कोटेचा, पूर्व मंत्री नारायण सिंह राणा विधायक सलिल बिश्नोई,
हरिप्रकाश मंगला, दीपक कोठारी, डॉ राजू अधिकारी, कुसुम जैन सहित सैकडो की संख्या में
व्यक्ति उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) परवाना