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सोनिया गांधी ने जनगणना में देरी पर केंद्र सरकार को घेरा, कहा- 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभ से वंचित

राज्यसभा में सोमवार को जनगणना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के मुद्दे पर बोलती कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी

नई दिल्ली, 10 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने आज राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान मौजूदा केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का हवाला देते हुए सरकार से जल्द से जल्द जनगणना कराने का आग्रह किया।

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने सदन में कहा कि जनगणना में देरी के कारण 14 करोड़ भारतीय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत अपने वाजिब लाभ से वंचित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं बल्कि मौलिक अधिकार है। उन्होंने जनगणना कराने में चार साल की देरी का जिक्र करते हुए चिंता जताई कि इस साल भी जनगणना होने की संभावना नहीं है।

कांग्रेस संसदीय दल की नेता ने कहा कि सितंबर 2013 में यूपीए सरकार का पेश किया गया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम देश की 140 करोड़ आबादी के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल थी। इसने लाखों परिवारों को भुखमरी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर कोविड-19 संकट के दौरान। इस अधिनियम ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए आधार बनाया था।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत ग्रामीण आबादी का 75 फीसदी और शहरी आबादी का 50 फीसदी

सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने के हकदार हैं। हालांकि, लाभार्थियों के लिए कोटा अभी भी 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित किया जाता है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार जनगणना में चार साल से अधिक की देरी हुई है। मूल रूप से 2021 के लिए निर्धारित जनगणना को लेकर अभी भी इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि यह कब कराई जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव

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