तीन फरार हमलावर साथियों की तलाश में जुटी पुलिस
झांसी, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । नवाबाद थाना क्षेत्र में 14 दिसंबर को दिनदहाड़े जेलर पर हमला करने वाले को पुलिस ने गुरुवार की शाम मुठभेड़ में पैर में गोली मारकर घायल कर दिया। उसे झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। आरोपी की पहचान हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव के बेटे सुमित के रूप में हुई है। पुलिस शेष तीन फरार हमलावरों की तलाश में जुटी हुई है।
एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि गुरुवार को नवाबाद थाना पुलिस व स्वाट टीम को जानकारी मिली थी कि सुमित सुकुवां-ढुकवां कॉलोनी के पीछे जंगल में अपने साथी का इंतजार कर रहा है। पुलिस ने जंगल की घेराबंदी की। इसके बाद सुमित ने फायरिंग कर दी। वह पेड़ों की ओट लेता हुआ भाग खड़ा हुआ। करीब 20 मिनट तक पुलिस ने सुमित का पीछा किया। इस दौरान दोनों तरफ से फायरिंग होती रही। इस बीच पुलिस की एक गोली सुमित के दाएं पैर में जा लगी। जिससे वह घायल हो गया और गिर पड़ा। पुलिस ने उसे अरेस्ट करने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया है।
एसपी सिटी ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव से जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता की हॉट टॉक हुई थी। इसकी जानकारी प्राप्त होने के बाद उनके दोनों बेटों का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। दोनों ने जेलर को टारगेट पर ले लिया था। यही कारण है कि उन पर हमला किया गया। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के सवाल पर एसपी सिटी ने बताया कि पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। उन्हें भी जल्दी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मुलाकात के बाद हमला
वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि खुफिया विभाग और प्रशासन को इनपुट मिला था कि बदमाश जेल में गिरोह बनाकर किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसके साथ जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान शातिर अपराधियों को अलग-अलग जेल में शिफ्ट करने की बात कही थी। डीएम के आदेश पर कमलेश यादव समेत 5 अपराधियों को दूसरे जनपद की जेल में शिफ्ट करा दिया गया था। इसके बाद से बदमाश जेलर से खुन्नस रखने लगे थे। जांच में यह भी सामने आया है कि 7 दिसंबर को सुमित और अमित ने हमीरपुर जेल में अपने पिता कमलेश से मुलाकात की थी। इसके बाद 11 दिसंबर को कमलेश से उसकी पत्नी सुमित्रा, बेटे सुमित और पुलिया नंबर- 9 में रहने वाले बलवीर ने जेल में मुलाकात की थी। इसके ठीक दो दिन बाद 14 दिसंबर को हिस्ट्रीशीटर के दोनों बेटों सुमित और अमित ने जेलर पर हमला कर दिया।
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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया