Maharashtra

कहीं स्कूल बस चालक शराबी तो नहीं, हर सप्ताह होगी जांच

मुंबई, 7 जून (Udaipur Kiran) । विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए, स्कूली शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. अब स्कूल बस चालकों की पृष्ठभूमि और हर सप्ताह शराब व नशीली दवाओं के सेवन की जांच करने का निर्णय लिया गया है। यह नियम राज्य के सभी स्कूलों में लागू होगा।

स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए निर्णय के अनुसार ड्राइवरों, सफाई कर्मचारियों और महिला कर्मचारियों को दिन में दो बार सुबह और शाम को परीक्षण किया जाएगा। अनधिकृत व्यक्ति को बस में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। निजी वाहनों में आने वाले विद्यार्थियों के माता-पिता को स्कूल प्रबंधन को चालक की पहचान और पृष्ठभूमि के बारे में सूचित करना होगा। माता-पिता को ड्राइवरों की व्यक्तिगत जानकारी अपने पास रखनी होगी। छात्रों के लिए निजी परिवहन का उपयोग करने वाले अभिभावकों को स्कूल प्रबंधन को चालक का सत्यापन और पहचान विवरण प्रदान करना आवश्यक होगा।

बसों में जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे लगाने, हर छह महीने में बसों का तकनीकी निरीक्षण करने और आरटीओ से प्रमाण पत्र प्राप्त करने जैसे विभिन्न उपायों को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूलों को शौचालय, परिसर और अन्य संवेदनशील स्थानों की निगरानी करनी चाहिए। स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि स्कूल के बाद कोई भी छात्र स्कूल में न रुके। स्कूल बसों में छात्रों की संख्या बैठने की क्षमता तक ही सीमित होनी चाहिए। प्रत्येक बस में एक महिला अटेंडेंट अनिवार्य होनी चाहिए। यात्रा से पहले हर हफ्ते स्कूल बस ड्राइवरों, क्लीनर और महिला सहायकों के लिए शराब और नशीली दवाओं की जांच अनिवार्य करने का भी निर्देश दिया गया है।

वर्तमान में मुंबई में लगभग छह हजार स्कूल बसें चल रही हैं। स्कूल बस मालिक संघ के अध्यक्ष अनिल गर्ग ने बताया कि सरकार के फैसले के कार्यान्वयन के कारण स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी तय की गई है। प्रिंसिपलों की जिम्मेदारी तय की गई है। वे छात्रों के परिवहन के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।

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(Udaipur Kiran) / वी कुमार

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