
जयपुर, 8 अप्रैल (Udaipur Kiran) । विश्व हिंदू परिषद के अखिल भारतीय प्रचार प्रसार प्रमुख विजय शंकर तिवारी ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि वक्फ बोर्ड अधिनियम के पारित होने के बाद से ही कुछ मुस्लिम कट्टरपंथी नेता एवं संगठन देश के मुसलमानों को भडक़ाने, बरगलाने तथा हिंसा के लिए उकसाने में सतत् रूप से सक्रिय हैं। झूठ फैलाकर दुष्प्रचार करने वाली इस गैंग में अब कुछ कथित मुस्लिम बुद्धिजीवी भी कूद पड़े हैं, जिन्होंने हाल ही एक पत्र देश के मुस्लिम सांसदों को लिखा है।
उन्हाेंने कहा कि यह पत्र मिथ्या प्रचार कर मुस्लिम समाज को हिंसा और देश विरोध के लिए प्रेरित करने के साथ संसदीय व्यवस्था तथा संविधान का सीधा सीधा उल्लंघन है। इस पत्र के माध्यम से उनके मुस्लिम इंडिया बनाने के मंसूबों की भी कलई खुल गई है जो सपना कभी कट्टरपंथी नेता सैयद शहाबुद्दीन ने भी देखा था। केन्द्र सरकार और न्यायपालिका को चाहिए कि इस पत्र प्रकरण को गंभीरता से लें, क्योंकि इसी मानसिकता ने पहले ही भारत का विभाजन कराया था। संविधान से ऊपर मजहब को रखने वाली सोच देश की आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक समरसता के लिए भी घातक हो सकती है। विश्व हिंदू परिषद पुन: यह दोहराती है कि संविधान सर्वोपरि है, और किसी भी मज़हबी या जातिगत संगठन को संविधान की मर्यादा को लांघने की छूट नहीं मिलनी चाहिए। पत्र में अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा की तो बात की है किंतु उसमें नाम सिर्फ मुसलमानों का लिया है। इसमें मुस्लिम समाज का गला घोंटने और मुसलमानों के गरिमापूर्ण अस्तित्व के लिए संघर्ष करने के लिए उकसाने की बात की है। पत्र में मुसलमानों की सामूहिक आवाज को बुलंद कर संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन तथा संसद के बहिष्कार की अपील भी की है जिससे देश-विदेश के मीडिया का रणनीतिक रूप से ध्यान आकृष्ट किया जा सके।
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(Udaipur Kiran)
