शिमला, 27 मई (Udaipur Kiran) । हिमाचल परिवहन कर्मचारी पेंशनर समाधान मंच ने प्रदेश में पेंशनरों के अधिकारों की अनदेखी का आरोप लगाया है। मंच के प्रदेश मुख्य सलाहकार ठाकुर देव राज ने कहा कि कुछ पेंशनर संगठन, परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच और कर्मचारी कल्याण संगठन, संयुक्त संघर्ष समिति बनाकर पेंशनरों की आवाज उठाने का दावा कर रहे हैं लेकिन वास्तव में ये संगठन पेंशनरों के अधिकारों से समझौता कर रहे हैं।
ठाकुर देव राज ने एक बयान में कहा कि हाल ही में इन संगठनों ने परिवहन मंत्री से एक बैठक की थी जिसमें चार मांगें रखी गई थीं। लेकिन मंत्री ने न केवल उन मांगों पर चर्चा करने से इनकार कर दिया बल्कि पेंशनरों के वैधानिक बकाया भुगतान को लेकर उलटा विकल्प चुनने को कहा गया। यानी या तो ग्रेच्युटी छोड़ो और बकाया लो।
उन्होंने कहा कि जब अदालत भी यह तय कर चुकी है कि बकाया देना जरूरी है तो ऐसे विकल्प देना पेंशनरों के साथ अन्याय है। ठाकुर देव राज ने यह भी कहा कि वार्ता के दौरान इन संगठनों की तैयारी बेहद कमजोर थी और मंत्री ने उन्हें बैठने की भी उचित व्यवस्था नहीं दी जिससे पेंशनरों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची।
उन्होंने कहा कि सरकार से बार-बार अनुरोध किया जा रहा है कि पेंशन हर महीने की 1 या 2 तारीख को दी जाए लेकिन मुख्यमंत्री ने 15 तारीख का आश्वासन दिया और पेंशन 23 तारीख को मिली।
उन्होंने कहा कि यदि इन संगठनों में वास्तव में संघर्ष की क्षमता नहीं है तो कम से कम पेंशनरों के अधिकारों से खिलवाड़ न करें। ठाकुर देव राज ने यह भी ऐलान किया कि समाधान मंच प्रदेश अध्यक्ष अशोक पुरोहित के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगा जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि पेंशनरों के बकाया का जल्द भुगतान किया जाए और भविष्य में हर महीने समय पर पेंशन जारी की जाए।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
