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जातिवाद की विषमता से मुक्त हो समाज : डाॅ मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की फाइल फोटो

कानपुर, 08 जून (Udaipur Kiran) । आज हम संघ की शताब्दी वर्ष में हैं। पंच परिवर्तन के आधार पर सम्पूर्ण समाज में एक बड़े परिवर्तन की ओर जाने का प्रयास हो रहा है। ऐसा समाज जो राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व के लिए जागरूक हो, ऐसा समाज जो पर्यावरण के अनुकूल अपनी जीवन शैली का निर्माण करें, समाज जातिवाद की विषमता से मुक्त हो, जहां मंदिर, जलाशय, शमशान पर सम्पूर्ण समाज का समान अधिकार हो। यह बातें रविवार को कानपुर में आरएसएस के सरसंघचालक डाॅ मोहन भागवत ने प्रशिक्षण वर्ग में कहीं।

प्रांत प्रचार प्रमुख डॉक्टर अनुपम ने बताया कि सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को शिक्षार्थियों से वार्ता करते हुए शिक्षार्थियों के कार्य क्षेत्र में संचालित हो रहे संघ कार्य, शाखाओं, सेवा कार्य की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि हम कहते हैं विश्व एक परिवार है। संघ जैसे जैसे बड़ा हुआ वैसे वैसे उनसे अपना दायरा बढ़ाकर अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य विस्तार किया। समाज के सहयोग से पूरे देश में लाखों सेवा कार्य इसका उदाहरण हैं। संघ प्रमुख ने कहा कि शाखा क्षेत्र के प्रत्येक परिवार तक हमारा सम्पर्क होना चाहिए। संघ व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है। व्यक्ति निर्माण अर्थात परिवार के साथ समाज, राष्ट्र तथा सम्पूर्ण मानवजाति अर्थात विश्व के प्रति भी अपने दायित्व की अनुभूति।

बतादें कि सरसंघचालक तीन दिवसीय प्रवास पर शनिवार काे कानपुर पहुंचे थे और आज दीनदयाल कॉलेज में पूर्वी क्षेत्र के चल रहे प्रशिक्षण वर्ग में अपना उद्बाेधन दिया।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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