West Bengal

समाज अमानवीय व्यक्ति के प्रति मानवीय दृष्टिकोण नहीं अपना सकता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

कोलकाता, 21 जनवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि समाज ‘अमानवीय’ व्यक्ति के प्रति ‘मानवीय’ दृष्टिकोण नहीं अपना सकता।

मुख्यमंत्री ने यह बात आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की एक महिला डॉक्टर के नृशंस बलात्कार और हत्या के मामले में विशेष अदालत के फैसले पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कही।

कोलकाता की एक विशेष अदालत ने सोमवार को इस मामले में दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

ममता बनर्जी ने मालदा जिले में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान कहा, उम्रकैद का क्या मतलब है? अक्सर आजीवन कारावास पाने वाले दोषी पैरोल पर रिहा हो जाते हैं। अगर दोषी जीवित है, तो इस बात की संभावना बनी रहती है कि वह वही अपराध फिर से कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति ‘अमानवीय’ बनने का चयन करता है, तो समाज उसके प्रति ‘मानवीय’ कैसे रह सकता है? यही कारण है कि हमने आर.जी. कर ट्रैजेडी के दोषी के लिए ‘फांसी की सजा’ की मांग की। यह वास्तव में ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ अपराध है।

मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी राज्य सरकार द्वारा विशेष अदालत के 20 जनवरी के फैसले को चुनौती देते हुए और दोषी के लिए फांसी की सजा की मांग करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट की एक डिवीजन बेंच का रुख करने के कुछ घंटों बाद आई।

मालदा जिले के इंग्लिश बाजार नगर पालिका के वार्ड नंबर 22 के तृणमूल कांग्रेस पार्षद दुलाल सरकार उर्फ बबलू की हत्या पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अपराधी और माफिया, चाहे वे उनकी पार्टी से जुड़े हों, किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने मालदा जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों में हालिया तनाव का जिक्र करते हुए कहा कि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के साथ किसी भी संघर्ष की स्थिति में सीमावर्ती गांवों के लोगों को उस दौरान सीमा पर जाने से बचना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा, स्थानीय लोगों को यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहना चाहिए कि कोई भी आतंकवादी जिले में किसी होटल या किसी घर में किराए पर कमरा लेकर शरण न ले सके।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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