जम्मू, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय, एसएमवीडीयू ने महिमा शर्मा को जैव प्रौद्योगिकी में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी, पीएचडी के लिए योग्य घोषित किया है। शर्मा के शोध जिसका शीर्षक कॉर्डिया डाइकोटोमा फ़ॉर्स्ट से नवीन जैव सक्रिय यौगिकों की सोर्सिंग के लिए चयनित एंडोफाइट्स पर अध्ययन था, की देखरेख एसएमवीडीयू के स्कूल ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शारदा एम. पोटुकुची ने की थी।
एसएमवीडीयू के कुलपति प्रो. प्रगति कुमार; विज्ञान संकाय के डीन डॉ. सुनील वांचू; बायोटेक्नोलॉजी स्कूल के प्रमुख डॉ. रत्न चंद्रा; और बाहरी परीक्षक, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के वनस्पति और पर्यावरण विज्ञान विभाग से प्रो. सरोज अरोड़ा सहित प्रतिष्ठित शैक्षणिक हस्तियों ने शर्मा को उनके प्रभावशाली शोध और सफल पीएच.डी. मौखिक परीक्षा के लिए बधाई दी।
शर्मा एक गेट और सीएसआईआर-नेट योग्य विद्वान हैं जिन्होंने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके निष्कर्ष प्रतिष्ठित एससीआई-ई पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मेलनों में भी अपने शोध प्रस्तुत किए हैं। उनका काम जम्मू क्षेत्र के मूल औषधीय पौधे कॉर्डिया डाइकोटोमा (लसुरा) से एंडोफाइटिक बैक्टीरिया और कवक के पहली बार अलगाव और पहचान को चिह्नित करता है। उनका अध्ययन पौधे और उसके एंडोफाइटिक निवासियों से निकाले गए द्वितीयक मेटाबोलाइट्स की रोगाणुरोधी, एंटीऑक्सिडेंट और कैंसर विरोधी गतिविधियों का भी मूल्यांकन करता है। उनके शोध के दौरान विकसित प्रोटोकॉल में चयनित प्रजातियों के बायोमास और मेटाबोलाइट सामग्री को बढ़ाने की क्षमता है, जिससे दवा अणुओं के नए स्रोतों के रूप में फार्मास्युटिकल क्षेत्र में उनके व्यावसायिक दोहन और संभावित अनुप्रयोगों का मार्ग प्रशस्त होगा।
अपने बयान में, शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान व्यापक शोध सुविधाएं और छात्रवृत्ति और आकस्मिकताओं के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और एसएमवीडीयू के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा / बलवान सिंह