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हाइफा हीरो को दी श्रद्धांजलि, गूंजे नारे

jodhpur

जोधपुर, 23 सितम्बर (Udaipur Kiran) । हाइफा हीरो मेजर दलपत सिंह शेखावत के बलिदान दिवस पर सोमवार को जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के सेंट्रल ऑफिस के बाहर गौरवपथ स्थित शहीद स्मारक पर उनकी अश्वारूढ़ प्रतिमा पर रावणा राजपूत समाज के लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही यहां अन्य कई संस्था-संगठनों की तरफ से श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।

इजराइल के हाइफा शहर में वीरगति को प्राप्त हुए शहीद मेजर दलपतसिंह शेखावत के शौर्य को शहरवासियों ने नमन किया। इस दौरान पूर्व विधायक मनीषा पंवार, जेडीए पूर्व चेयरमैन प्रो. महेंद्र सिंह राठौड़ सहित शहीद के परिजन, रावणा राजपूत समाज के लोग मौजूद रहे। उन्होंने जयकारे लगा हाइफा हीरो के बलिदान को याद किया। बता दे कि मूलत: जोधपुर के देवली हाउस में रहने वाले हाइफा हीरो शेखावत ने उच्च शिक्षा इस्टबर्न कॉलेज इंग्लैंड में प्राप्त की और 18 साल की उम्र में पिता कर्नल हरिसिंह की तरह वे भी सेना में भर्ती हुए और नियुक्ति जोधपुर लांसर पद पर हुई थी। प्रथम विश्व युद्ध 1914-18 के दौरान इजरायल के शहर हाइफा को धुरी राष्ट्र तुर्की और जर्मन सेना ने अपने कब्जे में ले लिया था, तब इस शहर को जोधपुर लांसर के मेजर दलपत सिंह की पलटन ने तलवारों और भालों के दम पर आजादी दिलवाई थी। गत 23 सितंबर 1918 के दौरान मेजर दलपत सिंह के नेतृत्व में पहाड़ी पर चढ़ाई शुरू हुई और लगातार गोलीबारी के चलते वे सफल नहीं हो सके। फिर कुछ ही घंटों में मेजर दलपत सिंह की पलटन ने ऑटोमन सेना को घुटनों पर ला दिया था, लेकिन इस युद्ध में खुद दलपत सिंह घायल हो गए थे। पलटन हाइफा जीत तो गई, लेकिन मेजर शहीद हो गए। इस युद्ध में कुल आठ भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। हाइफा की लड़ाई से पहले मेजर ने 4 अगस्त 1914 को फ्रांस के विरुद्ध भी लड़ाई में भाग लिया था। हाइफा युद्ध के लिए उन्हें ब्रिटेन ने मरणोपरांत मिलिट्री क्रॉस से सम्मानित किया था।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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