यमुनानगर, 26 नवंबर (Udaipur Kiran) । किसान आंदोलन के दिल्ली कूच और राष्ट्रव्यापी मजदूर हड़ताल के चार साल पूरे होने पर यमुनानगर में संयुक्त किसान मोर्चा,केंद्रीय ट्रेड यूनियन ,सर्व कर्मचारी संघ ,रिटायर्ड कर्मचारी संघ सीटू,ऐटक व खेत मजदूरी यूनियन के भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के कार्यकर्ता व कर्मचारियों ने कन्हैया साहिब चौक पर इकट्ठे होकर लघु सचिवालय तक प्रदर्शन कर उप मंडल अधिकारी के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति के नाम अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
मंगलवार को आयाेजित प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किसान नेता धर्मपाल चौहान ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार किसानों ,मजदूरों नौजवानों महिलाओं से किए गए वादों को पूरा करने की बजाय कॉरपोरेट्स अंबानी , अडानी व अन्य सुपर रिच को समृद्ध बनाने वाली नीतियों को बढ़ाते हुए जनता पर टैक्स और कॉर्पोरेट घरानों का 16.5 लाख करोड रुपये से ज्यादा कर्ज माफ कर दिया गया है। उन्होंने कहा हमारी मांग है कि सभी फसलों के लिए कानूनी गारंटी वाली खरीद के साथ एमएसपी सी2+50 प्रतिशत लागू कर किसानों, और मजदूरों को कर्जा मुक्त किया जाए, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन रद्द हो ,कृषि पंपों के लिए मुफ्त बिजली ,घरेलू उपयोगकर्ताओं और दुकानों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिले।
अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण कानून समाप्त करो सभी लोगों को (जो किसी भी योजना में शामिल नहीं हैं)के लिए 60 वर्ष की आयु पर 10000रूपये मासिक पेंशन सुनिश्चित करो व पराली जलाने वाले किसानों पर मुकदमें दर्ज करना बंद करना आदि है। किसान नेताओं ने बोलते हुए कहा कि औद्योगीकरण के नाम पर कृषि भूमि का जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है। जबकि वास्तव में यह सरकार के पास अति अमीरों के मनोरंजन सुविधाओं, व्यावसायिक उपयोग, पर्यटन ,रियल एस्टेट आदि के लिए है। तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ महान संघर्ष की चौथी वर्षगांठ और श्रमिकों की देशव्यापी आम हड़ताल के महत्वपूर्ण अवसर को चिन्हित करने के लिए 26 नवंबर को पूरे भारत के जिलों में किसानों, ग्रामीण गरीबों और मजदूरों ने प्रदर्शन करके यमुनानगर में चेतावनी दिवस मनाया गया।
(Udaipur Kiran) / अवतार सिंह चुग