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पूर्व मंत्री शांति धारीवाल व महेश जोशी सहित छह को नोटिस की तामील नहीं, हाईकोर्ट ने वापस जारी किए नोटिस

हाईकोर्ट जयपुर

जयपुर, 18 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान विधानसभा में तत्कालीन स्पीकर की ओर से कांग्रेस के तत्कालीन 81 एमएलए की ओर से 25 सितंबर 2022 को दिये इस्तीफों पर निर्णय नहीं करने और 113 दिन देरी से इन्हें अस्वीकार करने के मामले में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल सहित छह को नोटिस की तामील नहीं होने पर उन्हें पुन: नोटिस जारी करने के लिए कहा है। अदालत ने जिन अन्य को नोटिस के लिए कहा है उनमें महेश जोशी, रफीक खान, महेन्द्र चौधरी, रामलाल जाट व संयम लोढा शामिल हैं। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह व प्रमिल कुमार माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड की जनहित याचिका पर दिए।

सुनवाई के दौरान राठौड की ओर से अदालत को बताया कि मामले में शांति धारीवाल सहित जिन नेताओं को पक्षकार बनाया था, उन्हें नोटिस की तामील नहीं हो पाई है। इसलिए इन्हें नए सिरे से नोटिस जारी किए जाए। जिस पर खंडपीठ ने धारीवाल सहित 6 को नोटिस जारी किए। पिछली सुनवाई पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि तत्कालीन 75 एमएलए का कहना है कि उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफों पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, तो स्पीकर को इस्तीफा सौंपने वाले छह एमएलए शांति धारीवाल, महेश जोशी, संयम लोढा, रफीक खान, महेन्द्र चौधरी व रामलाल जाट से यह पूछना चाहिए कि उनके पास बाकी 75 एमएलए के इस्तीफे कहां से आए। यदि इस्तीफा स्वेच्छा से दिया है तो स्पीकर को उसे मंजूर करना चाहिए था। मामले से जुडे अधिवक्ता हेमंत नाहटा ने बताया कि राठौड ने संशोधित याचिका में हाईकोर्ट से तत्कालीन 81 एमएलए द्वारा 25 सितंबर 2022 से वेतन-भत्तों के तौर लिए करीब 18 करोड़ रुपए के लिए भी उचित आदेश देने का आग्रह किया है। वहीं यह भी आग्रह किया है कि स्पीकर के समक्ष पेंडिंग इस्तीफों को तय करने की अवधि के लिए हाईकोर्ट दिशा-निर्देश तय करे, ताकि भविष्य में विधानसभा स्पीकर तय अवधि में इस्तीफों पर निर्णय कर सके।

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(Udaipur Kiran)

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