Haryana

सिरसा: जनसंपर्क मात्र पेशा नहीं, यह जुनून है: सुनीत मुखर्जी

सेमिनार को संबोधित करते सुनीत मुखर्जी।

सिरसा, 21 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस पर चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा में सोमवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता रोहतक के पूर्व जनसंपर्क निदेशक एवं मास कम्युनिकेशन विभाग के प्राध्यापक सुनीत मुखजी ने कहा कि आज के डिजिटल युग में जनसंपर्क जनहित को जागरूक करने, सामाजिक बदलाव लाने और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

सुनीत मुखर्जी ने कहा, पीआर (जनसंपर्क) एक प्रोफेशन नहीं, बल्कि एक पैशन है। यदि आप पीआर में आना चाहते हैं तो आपके अंदर पैशन, पॉजिटिव एटीट्यूड, परसुएसिव कम्युनिकेशन और परसीवरेंस इन एफर्ट्स होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह स्वयं पीआर में डिफॉल्ट से आए, लेकिन अब यह उनका प्रेम और सेवा का माध्यम बन चुका है। मुखर्जी ने बताया कि जनसंपर्क को जनहित से जोडक़र सामाजिक-सामुदायिक विकास और राष्ट्र निर्माण का कार्य किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि जनसंपर्क सिर्फ जीवन यापन का साधन नहीं, यह जनकल्याण का सशक्त माध्यम है। उन्होंने बताया कि भारत में 21 अप्रैल को राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस मनाया जाता है क्योंकि 1968 में इसी दिन नई दिल्ली में पहला अखिल भारतीय जनसंपर्क सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें प्रोफेशनल एप्रोच विषय पर चर्चा हुई और कोड ऑफ एथिक्स को अपनाया गया। डिजिटल युग में जनसंपर्क की भूमिका पर बोलते हुए मुखर्जी ने कहा कि आईसीटी और सोशल मीडिया ने पीआर के क्षेत्र में असीम संभावनाएं उत्पन्न की हैं।

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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma

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