
सिरसा, 20 मई (Udaipur Kiran) । हरियाणवी संस्कृति और लोक संगीत के प्रतीक दादा लखमी चंद पर आधारित फिल्म ‘दादा लखमी चंद’ को हरियाणा सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दिए जाने के बाद सिरसा जिला के गांव जमाल में खुशी की लहर है। इस फिल्म के कई महत्वपूर्ण दृश्य इसी गांव में शूट किए गए थे और अब यह सम्मान मिलने से गांववासियों की पुरानी यादें ताजा हो गई हैं।
ग्रामीण राजेंद्र कस्वां, दिवान खां, बशीरद्दीन, संजय शर्मा, भगत सिंह आदि ने मंगलवार को ने बताया कि जब फिल्म की शूटिंग गांव में हो रही थी तब पूरे इलाके में उत्सव जैसा माहौल था। फिल्म की टीम ने यहां की गलियों, चौपालों और खेतों में फिल्मांकन किया था। कई स्थानीय लोग भी अतिरिक्त कलाकार के रूप में फिल्म का हिस्सा बने थे, जिससे गांव को एक नई पहचान मिली।
सरकारी सम्मान से गांववासियों को गर्व की अनुभूति हो रही है। गांव के कलाकार जगत परदेशी ने कहा यह सिर्फ फिल्म की नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और गांव की पहचान को सम्मान मिला है। सरकार द्वारा दी गई यह राशि हमारे लिए प्रेरणा है कि हम अपनी लोक कला को और आगे बढ़ाएं। कई स्थानीय लोगों ने शूटिंग में भाग भी लिया था, जिससे गांव को फिल्मी दुनिया में पहचान मिली। अब जब सरकार ने फिल्म को सम्मानित किया है तो जमाल के लोग एक बार फिर उन सुनहरी पलों को याद कर रहे हैं। जमाल गांव के लोगों को उम्मीद है कि उनकी सांस्कृतिक धरोहर अब राष्ट्रीय स्तर पर और भी अधिक सराही जाएगी।
मुख्यमंत्री ने छह फिल्मों को प्रदान की प्रोत्साहन राशि
हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई हरियाणा फिल्म नीति के तहत प्रदेश में फिल्मों के निर्माण को बढ़ावा देने और राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने छह फिल्मों को प्रोत्सहान राशि प्रदान की है। इनमें लोकगाथा ‘दादा लखमी चंद’ को एक करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। मुख्यमंत्री द्वारा बीते दिवस आयोजित प्रोत्साहन वितरण समारोह में ‘छलांग’, ‘तेरा क्या होगा लवली’, ‘तेरी मेरी गल बन गई’ और ‘फुफड़ जी’ जैसी फिल्मों को 2-2 करोड़ रुपये, और फिल्म ‘1600 मीटर’ को 50 लाख 70 हजार रुपये की सब्सिडी दी गई।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
