
सिरसा, 31 मई (Udaipur Kiran) । कृषि संकल्प अभियान के तहत जिला के विभिन्न गांवों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अभियान में विभिन्न कृषि और पशुपालन विशेषज्ञों ने भाग लिया और किसानों को उन्नत खेती तथा पशुपालन से जुड़ी नवीनतम जानकारियां प्रदान कीं।
कार्यक्रम में शनिवार को केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान से डॉ. ऋषि ने किसानों को देशी कपास और बीटी नरमा में लगने वाले गुलाबी सुंडी और सफेद मक्खी जैसे कीटों की रोकथाम के उपाय बताए। उन्होंने पीले स्टिकी ट्रैप व फेरोमोन ट्रैप के प्रयोग और नीम आधारित स्प्रे के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे कृषि अधिकारियों से समय-समय पर संपर्क कर नवीनतम जानकारी प्राप्त करें।
पशुपालन विभाग के चिकित्सकों ने पशुओं के लिए संतुलित आहार, कृत्रिम गर्भाधान से उत्तम नस्ल प्राप्त करने और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। इसके साथ ही थनैला और मुंहखुर जैसे रोगों की रोकथाम पर भी विस्तार से जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञों ने मूंग व धान फसल की बीमारियों और सीधी बिजाई की तकनीकों की जानकारी दी। वहीं, बागवानी विभाग ने फलों व सब्जियों पर मिलने वाले सरकारी अनुदान, मधुमक्खी पालन और मशरूम कल्चर पर किसानों को प्रशिक्षित किया। जिला मत्स्य अधिकारी डॉ. जगदीश चंद्र ने किसानों को गांव के तालाबों और अन्य जल स्रोतों में मछली पालन की संभावनाओं और लाभ के बारे में बताया।
कृषि विभाग से डॉ. राकेश कूट, डॉ. बिजेंद्र, और डॉ. कोमल ने उर्वरक व कीटनाशकों के उचित प्रयोग, प्राकृतिक खेती और फसल विविधिकरण जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने किसानों को सीधी धान की बिजाई के लिए प्रोत्साहित किया जिससे पानी की बचत हो सके। साथ ही, पराली जलाने से होने वाले नुकसान और मित्र कीटों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। किसानों को विभिन्न कृषि योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया गया।
(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
