Uttrakhand

सिलक्यारा विजय अभियान’ राज्य आपदा प्रबंधन क्षमता का उत्कृष्ट उदाहरण है : राज्यपाल

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  दून विश्वविद्यालय में ‘सिलक्यारा विजय अभियान’ प्रथम वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम।

देहरादून, 28 नवम्बर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि ‘सिलक्यारा विजय अभियान’ राज्य आपदा प्रबंधन क्षमता का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह धैर्य, लीडरशिप, कॉर्डिनेशन और अपने संकल्प को पूरा करने का बहुत बड़ा उदाहरण है।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार शाम दून विश्वविद्यालय में ‘सिलक्यारा विजय अभियान’ प्रथम वर्षगांठ एवं 19 वां राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन-2024 को संबोधित करते हुए यह बातें कही।

इन दौरान राज्यपाल ने कहा कि विश्व के पर्वतीय देशों के लिए यह उदाहरण है कि किस प्रकार से सिलक्यारा टनल में फंसने ने के बाद किस प्रकार 41 श्रमिकों को बचाव कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया।

उन्होंने कहा कि पूरे विश्व ने देखा है कि किस 17 देशों के एक्सपर्ट्स 41 फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का कार्य सफलता पूर्वक किया जिसमे एक भी श्रमिक को खरोंच तक नहीं आई। उन्होंने कहा कि इस विजय अभियान का डॉक्यूमेंटेशन किया जाना भी एक ऐतिहासिक कार्य है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी।

राज्यपाल ने कहा कि भारतीयों के अंदर जो क्षमता है, जिसे पूरी दुनिया ने कोविड के दौरान भी देखा था। इसके बाद सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों का बचाव कार्य भी इसका एक और उदाहरण है।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड को ईश्वर ने बहुत से प्राकृतिक संसाधनों से नवाजा है। अब इनके संरक्षण की जिम्मेदारी भी हमारी है। उन्होंने कहा कि राजभवन में वाटर हार्वेस्टिंग पर कार्य किया जा रहा है, जिसके अच्छे परिणाम दिख रहे हैं।

उन्होंने आम जन से अपने आस-पास नौले धारों और प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण का आह्वान किया। राज्यपाल ने कहा कि हमें स्थानीय समुदायों की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करना है। जल प्रबंधन में ग्राम पंचायतों और नागरिक संगठनों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमसे आग्रह किया है कि पर्यावरण की रक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि एक पेड़ मां के नाम लगाकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि माताओं, बहनों में कुछ भी कर गुजरने की एक अद्भुत क्षमता है। हमें अपनी बहनों को आगे बढ़ाने में उनका साथ देना है।

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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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