नई दिल्ली, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत दूध उत्पादन में दुनिया में सबसे आगे है, पिछले नौ वर्षों में इसमें 57.62 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हमारे देश का कृषि क्षेत्र भी एक प्रमुख आर्थिक योगदानकर्ता है, जिसमें किसानों की पर्याप्त हिस्सेदारी है।
राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में पत्रकार वार्ता के
दौरान केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिनों में की अपने मंत्रालय से जुड़ी उपलब्धियां गिनाई।
ललन सिंह ने बताया कृषि से मत्स्य, पशुपालन और डेरी को अलग किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने इसपर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। इसके बाद मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पालन क्षेत्र में 38,532 करोड़ का निवेश हुआ। विगत दस वर्षों के दौरान मछली
उत्पादन में 83 प्रतिशत का ग्रोथ हुआ। इस तरह से दुनिया में भारत मत्स्य पालन के क्षेत्र में दूसरे स्थान पर रहा। अभी तक विश्व बाजार में मछली का निर्यात 60 हजार करोड़ का रहा है। लक्ष्य एक लाख करोड़ मछली निर्यात करने का है। हर साल 11.16 लाख करोड़ रुपये से अधिक का दूध उत्पादन किया जा रहा है।
ललन ने सिंह ने बताया कि इसी तरह भारत पशुपालन के क्षेत्र में दूसरे नंबर पर है लेकिन विश्वभर में दूध उत्पादन के क्षेत्र में देश पहले स्थान पर है। भारत में प्रतिवर्ष 6 प्रतिशत की दर से दूध का उत्पादन बढ़ रहा है जबकि विश्व में दूध उत्पादन का ग्रोथ 2 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि
गोकुल मिशन के तहत देश में पहली बार आईवीएफ को बढ़ावा दिया जा रहा है। देश में पहली बार 90 प्रतिशत सटीकता के साथ बछड़ियों जनन के लिए देशी नस्लों हेतू सेक्स सार्टेड सीमेन उत्पादन सुविधा तैयार की गई है। टीके का तीन डाेज किसानाें काे महज 600 रुपये में
उपलब्ध हाेगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य संस्थान बागपत में एक शीर्ष प्रयोगशाला है जहां पशु चिकित्सा टीकों और निदान के गुणवत्ता के मूल्यांकन की सुविधा है इसलिए राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के साथ करार पर हस्ताक्षर हुआ है । जिसकी लागत 160 करोड़ रुपये है। उन्हाेंने बताया कि केंद्र सरकार ने 85 करोड़ दुधारु पशुओं को होनेवाली मुंहपका रोग को दूर करने के लिए टीकाकरण कराया गया। वर्तमान में 3,727 मोबाईल वैक्सिनेशन यूनिट में 650 मोबाईल चिकित्सा ईकाईयां कार्यरत हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / बिरंचि सिंह