– ढाई साल पुराने मामले में जिला न्यायालय ने सुनाया फैसला।
श्योपुर, 20 मई (Udaipur Kiran) । नाबालिग बालक को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के मामले में जिला न्यायालय ने फैसला सुनाया है, जिसमें आरोपित को तीन साल की सजा सुनाई है, साथ ही 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मामले मेंं शासन की और से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राजेंद्र द्वारा की गई।
मामले के अनुसार भिखापुर निवासी फरियादी ने 11 नंवबर 2022 को अजाक थाने में आवेदन देकर शिकायत की कि घटना से चार महीने पहले वह अपने भतीजे के साथ जयपुर से गांव आया था। उस समय बस में सईद अहम्मद नामक व्यक्ति बैठा था वह राजस्थान के मांगरोल का रहने वाला था, जिसने मेरे भतीजे से बातचीत की थी। कुछ दिन बाद वह व्यक्ति गांव में कपडे बेचने के बहाने से आने लगा। जब भी वह गांव में कपडे बेचने आता था तो मेरे भतीजे के बारे में पूछताछ करता था। तभी एक दिन 11 नवंबर 2022 को आरोपी मेरे भतीजे के बहला-फुसलाकर भगा ले जा रहा था, जब गांव वालों को इस बारे में पता चला उन्होने उसे छुडाया। पुलिस ने फरियादी की शिकायत आरोपित के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर प्रकरण न्यायाल में पेश किया जहां मामले में करीब ढाई साल तक चली सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपित सईद अहमद पुत्र जमील अहमद निवासी वार्ड नं. 15 मीठे कुए के पास सहरिया बस्ती रोड मांगरोल जिला बारां राजस्थान को दोषी करार देते हुऐ तीन साल की सजा सुनवाई है साथ ही 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा
