कोलकाता, 30 मई (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से अपील की कि वर्ष 2026 में प्रस्तावित राज्य विधानसभा चुनाव को असम, बिहार या केरल जैसे अन्य राज्यों के चुनावों के साथ न जोड़ा जाए। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर आतंक के माहौल को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए यह मांग की।
कोलकाता में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अलीपुरद्वार रैली में भाग लेने जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर तृणमूल समर्थित उपद्रवियों ने हमला किया। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल के लोगों ने 34 गाड़ियों को क्षतिग्रस्त किया और 22 भाजपा कार्यकर्ताओं को घायल किया ताकि वे रैली में शामिल न हो सकें।
अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ तृणमूल नेताओं द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा धमकीपूर्ण और अलोकतांत्रिक है। ऐसे माहौल में बंगाल में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।
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बिजली दरों में बढ़ोतरी और स्मार्ट मीटर पर विरोध
राज्य में बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी को लेकर भी अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने दावा किया कि सिलीगुड़ी में एक व्यापारी ने मुख्यमंत्री से बिजली दरों के मुद्दे पर सवाल पूछा, लेकिन उन्हें उचित जवाब नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि घरेलू बिजली दरें 2011 के बाद से कई गुना बढ़ गई हैं। आज व्यावसायिक उपभोक्ताओं को 12 रुपये प्रति यूनिट और औद्योगिक उपभोक्ताओं को 16 रुपये प्रति यूनिट तक चुकाना पड़ रहा है।
स्मार्ट मीटरों की अनिवार्य स्थापना पर अधिकारी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि बारासात, राजारहाट, दम दम और बैरकपुर जैसे शहरी क्षेत्रों में लोगों को जबरन स्मार्ट मीटर दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिजली अधिनियम और संबंधित नियमों के अनुसार, स्मार्ट मीटर की स्थापना अनिवार्य नहीं बल्कि वैकल्पिक है, लेकिन जनता को इसके लिए मजबूर किया जा रहा है। अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक नेताओं को स्मार्ट मीटर लगाने वाली निजी एजेंसियों से कमीशन मिल रहा है। उन्होंने दावा किया कि ये मीटर उपभोक्ताओं से 12 की जगह 13 महीने का बिल वसूलते हैं।
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अवैध कनेक्शन पर सवाल, विधानसभा में मुद्दा उठाने की तैयारी
कोलकाता के मोमिनपुर और गार्डनरीच जैसे इलाकों में बिजली की चोरी और अवैध कनेक्शन के मामलों पर भी अधिकारी ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में कोई ट्रेड लाइसेंस नहीं है, न टैक्स जमा होता है, न बिजली बिल और सरकारी अधिकारी वहां जाने से डरते हैं।
उन्होंने मांग की कि सरकार पहले इन अवैध कनेक्शनों पर रोक लगाए, फिर ईमानदार उपभोक्ताओं पर स्मार्ट मीटर का बोझ डाले। अधिकारी ने कहा कि भाजपा राज्यभर में जनसभाएं और जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को बताएगी कि वे स्मार्ट मीटर को अस्वीकार कर सकते हैं। साथ ही भाजपा विधायक इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएंगे।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
