West Bengal

मुर्शिदाबाद मेंअपडेट…..हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए मंदिर के जीर्णोद्धार का शुभेंदु ने किया ऐलान

पश्चिम बंगाल विधानसभा मैं विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी

अक्षय तृतीया के दिन होगा कार्यारंभ

कोलकाता, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) ।पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में ध्वस्त किए गए मंदिरों के पुनर्निर्माण और शुद्धिकरण की प्रक्रिया 30 अप्रैल से शुरू किए जाने का ऐलान किया है। सोमवार को उन्होंने कहा कि यह शुभ कार्य अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर प्रारंभ होगा।

संयोग से, उसी दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा में पुरी के प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर बनाए गए भगवान जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन भी होना है।

इस महीने की शुरुआत में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध के दौरान मुर्शिदाबाद में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी। इस दौरान कई हिंदू मंदिरों, धार्मिक स्थलों, संपत्तियों और घरों को नुकसान पहुंचाया गया था।

सोमवार सुबह शुभेंदु अधिकारी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) और फेसबुक अकाउंट के माध्यम से एक वीडियो संदेश जारी कर मंदिरों के पुनर्निर्माण कार्य की घोषणा की। बंगाली भाषा में लिखे संदेश में कहा गया है कि इन मंदिरों पर ‘जिहादियों’ के जघन्य, निंदनीय और बर्बर हमलों के निशान आज भी स्पष्ट हैं। शुद्धिकरण और नवीनीकरण का कार्य सभी पारंपरिक धार्मिक विधियों का पालन करते हुए किया जाएगा।

शुभेंदु अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस पुनर्निर्माण कार्य के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं ली जाएगी। उनके अनुसार, राज्य सरकार ‘हिंदू विरोधी’ है। उन्होंने कहा कि समस्त खर्च हिंदू समाज के आम लोग मिलकर उठाएंगे।

उन्होंने जोर देकर कहा कि, मुर्शिदाबाद के हिंदुओं को अपने गांव और मुहल्लों के मंदिरों में पूजा करने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। ये मंदिर हमारे तीर्थ स्थलों के समान महत्व रखते हैं।

इस बीच, हाल ही में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी पश्चिम बंगाल सरकार की लापरवाही और सांप्रदायिक हिंसा की रोकथाम में विफलता को लेकर कड़ी आलोचना की थी। आयोग ने यह भी बताया कि सरकार को पहले से खुफिया जानकारी मिलने के बावजूद समय रहते कार्रवाई नहीं की गई।

इसके अलावा, 12 अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक विशेष पीठ ने मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश देते हुए टिप्पणी की थी कि राज्य सरकार द्वारा हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं थे। अदालत ने यह भी कहा था कि यदि समय पर केंद्रीय बलों की तैनाती हो जाती, तो स्थिति इतनी गंभीर और उग्र नहीं होती।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

Most Popular

To Top