West Bengal

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर शुभेंदु अधिकारी ने की एकजुटता की अपील

शुभेंदु अधिकारी ने की एकजुटता की अपील

कोलकाता, 03 दिसंबर (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और हमलों के मद्देनजर पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को सभी हिंदुओं से एकजुट होने की अपील की। अधिकारी ने कहा, वहां नियमित रूप से मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) जैसे संगठनों से जुड़े लोग, जो दुनिया भर में फैले हुए हैं, बांग्लादेश में इस्कॉन साधुओं की गिरफ्तारी पर कड़ी आपत्ति जताएं। जो वकील इनका बचाव कर रहे हैं, उन पर जानलेवा हमले हो रहे हैं। इसलिए, यह समय है कि सभी हिंदू अपने राजनीतिक विचारों से ऊपर उठकर एकजुट हों।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बांग्लादेश में एक ऐसा संगठन सक्रिय है, जो आतंकवादी संगठनों जैसे इस्लामिक स्टेट, तालिबान या हमास से भी अधिक खतरनाक है, और वही इन हमलों को अंजाम दे रहा है।

यह प्रतिक्रिया उस दिन आई जब बांग्लादेश के इस्कॉन साधु चिन्मय कृष्ण दास को बड़ी कानूनी चुनौती का सामना करना पड़ा। मंगलवार को चटगांव की अदालत ने उनकी जमानत याचिका की सुनवाई दो जनवरी तक स्थगित कर दी, क्योंकि वकीलों ने उनका प्रतिनिधित्व करने से इनकार कर दिया।

दास, जिन्हें ‘चिन्मय प्रभु’ के नाम से भी जाना जाता है, बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोटे के प्रवक्ता हैं। उन्हें ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर चटगांव में एक रैली में भाग लेने जाते समय राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पिछले हफ्ते उन्हें जमानत देने से इनकार कर जेल भेज दिया गया।

इस घटनाक्रम पर इस्कॉन, कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, यह बेहद दुखद है कि एक साधु पिछले नौ-दस दिनों से जेल में है। हमने सुना है कि उनके वकील अदालत में पेश नहीं हो सके। पिछले सुनवाई में वकीलों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए और उनके घरों में तोड़फोड़ की गई। अब चिन्मय कृष्ण दास के लिए कौन खड़ा होगा ? यह पूरी स्थिति बेहद चिंताजनक है। राधारमण दास ने कहा कि एक साधु को अपराधियों के साथ जेल में रखना अन्यायपूर्ण है और इससे न्याय मिलने में और देरी होगी।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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