फरीदाबाद, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । जर्मनी में चल रहे दूसरे विश्व बधिर शूटिंग चैंपियनशिप में हरियाणा राज्य फऱीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ से शुभम वशिष्ठ ने शनिवार को 10 मीटर एयर पिस्टल एकल स्पर्धा में कांस्य पदक व 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में रजत पदक जीतकर देश का नाम ऊंचा किया। बल्लभगढ़ की भीकम कालोनी में रहने वाला शुभम वशिष्ठ अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी है। शुभम जन्म से मुख बधिर है वह न बोल सकता है और ना ही सुन सकता है। वह इशारे व लिप्सिंग से ही बात करते व समझते है। शुभम की शूटिंग यात्रा 2017 में शुरू हुई, जब वो महज 17 साल के थे। उन्होंने बल्लभगढ़ की 10 मीटर शूटिंग अकादमी में कोच राकेश सिंह के मार्गदर्शन में 10 मीटर एयर पिस्टल की ट्रेनिंग लेना शुरू किया। अपने पहले ही स्टेट लेवल टूर्नामेंट (हरियाणा स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप 2017) में शुभम ने 10 मीटर एयर पिस्टल मेन्स कैटेगरी में दूसरा स्थान हासिल किया था।
2018 से शुभम ने नेशनल गेम्स में हिस्सा लेना शुरू किया। वह नेशनल शूटिंग कॉम्पिटिशन चैंपियनशिप, नॉर्थ जोन चैंपियनशिप, ऑल इंडिया कुमार सुरेंद्र सिंह मेमोरियल शूटिंग चैंपियनशिप और ऑल इंडिया जी.वी. मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप जैसी प्रतियोगिताओं में अपना जलवा दिखाते रहे। जनवरी 2022 से शुभम ने 25 मीटर स्पोट्र्स पिस्टल और 50 मीटर पिस्टल इवेंट्स में भी भाग लेना शुरू किया। इसी साल उन्होंने ब्राजील में हुए 24वें डेफलिंपिक्स (डेफ ओलिंपिक्स) 2022 में भारत का प्रतिनिधित्व किया। अब शुभम ने जर्मनी में चल रही दूसरी विश्व बधिर शूटिंग चैंपियशूटिंग में 10 मीटर एयर पिस्टल एकल स्पर्धा में कांस्य पदक व 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में रजत पदक जीतकर उन्होंने साबित कर दिया है कि वे वल्र्ड स्तर पर भारत का नाम रोशन करने की क्षमता रखते हैं। 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में उनके साथ अभिनव देशवाल व चेतन हनमत सकपाल थे।
शुभम की चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। उन्हें 4 सितंबर और 6 सितंबर को क्रमश: 25 मीटर स्पोट्र्स पिस्टल और 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल के मुकाबलों में भी हिस्सा लेना है। उम्मीद है कि वे इन प्रतियोगिताओं में भी अपना बेस्ट देंगे और देश के लिए और मेडल्स जीतेंगे। शुभम की इस सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण है। रावल कॉन्वेंट स्कूल से 12वीं पास करने के बाद उन्होंने अग्रवाल कॉलेज बल्लभगढ़ से बी कॉम ऑनर्स और बी कॉम की पढ़ाई की। लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ वे अपने शूटिंग प्रैक्टिस पर भी पूरा ध्यान देते रहे। शुभम वशिष्ठ की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है। उनकी सफलता बताती है कि अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं और कड़ी मेहनत करते हैं, तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। आशा है कि शुभम आने वाले समय में और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे और देश का नाम विश्व स्तर पर रोशन करेंगे।
(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर