West Bengal

क्रिसमस कार्निवल के लिए पार्क स्ट्रीट की तरह सज रहा है श्रीरामपुर

क्रिसमस कार्निवल के लिए पार्क स्ट्रीट की तरह सज रहा है श्रीरामपुर

हुगली, 15 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दिसम्बर महीने के उत्तरार्ध में आयोजित होने वाले क्रिसमस कार्निवल के लिए श्रीरामपुर शहर को कोलकाता के पार्क स्ट्रीट की तर्ज पर सजाया जा रहा है। पूरे श्रीरामपुर को रंग बिरंगे लाइटों से सजाया गया है।

दरअसल, श्रीरामपुर बहुत पुराना शहर है जो एक जमाने में मूल रूप से एक पुर्तगाली उपनिवेश था। हुगली नदी के तट पर बसा यह शहर आज भी पुर्तगाली परंपरा को कायम रखता है। प्रत्येक वर्ष क्रिसमस के दौरान यहां के चर्चों को भी खूबसूरती से सजाया जाता है। लेकिन इस साल क्रिसमस पर वहां ज्यादा भीड़ है। श्रीरामपुर के चर्चों को पार्क स्ट्रीट की तर्ज पर सजाया जा रहा है।

पार्क स्ट्रीट की तरह श्रीरामपुर नगर पालिका ने इस साल में भी क्रिसमस कार्निवल की पहल की है। श्रीरामपुर शहर के 400 साल के इतिहास को आम लोगों के सामने उजागर करने के लिए क्रिसमस उत्सव या कार्निवल आयोजित किया जा रहा है। डेनिश टारवन, सेंट ओलाफ चर्च, चेशायर होम चर्च, श्रीरामपुर कॉलेज के अलावा इलाके के सबसे पुराने शैक्षणिक केंद्र, डेनिश गवर्नर बिल्डिंग के सामने यह महोत्सव आयोजित किया जाएगा। श्रीरामपुर नगरपालिका के चेयरमैन गिरिधारी साहा और सीआईसी चेयरमैन पप्पू सिंह ने कहा, प्राचीन शहर फ्रेडरिक नगर या श्रीरामपुर, जो प्राचीन शहर है, में विभिन्न स्थानों पर विभिन्न ऐतिहासिक संरचनाएं बिखरी हुई हैं। इनमें सेंट ओलाफ चर्च को यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है।

हर साल क्रिसमस के समय गंगा किनारे बसे इस शहर में लोगों की भीड़ रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका ने निर्णय लिया है कि इस साल 22 दिसंबर से अगले साल दो जनवरी तक श्रीरामपुर गंगा से लेकर नेताजी सुभाष एवेन्यू पर मानसी सिनेमा हॉल तक की सड़क को मालाओं से सजाया जाएगा, जिसका काम शुरू हो चुका है। श्रीरामपुर के एक बड़े हिस्से को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। सड़क के दोनों ओर विभिन्न प्रकार के स्टॉल, भोजनालय और अन्य मनोरंजन सुविधाएं होंगी।

उल्लेखनीय है कि श्रीरामपुर शहर का अत्यधिक ऐतिहासिक महत्व है, भारत की आधुनिक शिक्षा प्रणाली के जनक, विलियम कैरी, जोशुआ मार्समैन और जेम्स वार्ड – श्रीरामपुर की इस तिकड़ी ने भारत में शिक्षा का पुनर्जागरण किया, उन्होंने श्रीरामपुर कॉलेज की स्थापना की, जो एशिया का पहला विश्वविद्यालय था। इसी शहर से पहला बंगाली फॉन्ट बना, प्रिंटिंग प्रेस बनी, समाचार दर्पण और दिक्दर्शन नामक दो बंगाली अखबार इसी शहर से प्रकाशित हुए। श्रीरामपुर शहर को भारतीय अखबार जगत का केंद्र कहा जा सकता है।

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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय

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