HEADLINES

श्रीपद येसो नाइक ने गिनवाई आयुष मंत्रालय की एक दशक की उपलब्धियां, कहा- भारत ने पारंपरिक चिकित्सा में खुद को वैश्विक नेता के रूप में किया स्थापित 

नवीनीकरण उर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक

नई दिल्ली, 02 दिसंबर (Udaipur Kiran) । नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने आयुष मंत्रालय की पिछले एक दशक की उपलब्धियां गिनवाई। सोमवार को अपने आवास में आयोजित प्रेसवार्ता में येसो नाइक ने कहा कि भारत ने पारंपरिक चिकित्सा में खुद को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में आयुष मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के साथ तालमेल बिठाते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा, अनुसंधान और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि आयुष के क्षेत्र में आयुष चिकित्सकों की संख्या आज 755,780 से अधिक

है और 886 स्नातक और 251 स्नातकोत्तर महाविद्यालय स्थापित किए गए, जिनमें प्रतिवर्ष 59,643 स्नातक छात्र और 7,450 स्नातकोत्तर छात्र प्रवेश लेते हैं।

इसके साथ मौजूदा समय में 3,844 आयुष अस्पताल और 36,848 औषधालय हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष संस्थानों के तीन अत्याधुनिक संस्थान की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने की, जिसमें अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, गोवा, राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान, गाजियाबाद, राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान शामिल है। अनुसंधान और नवाचार

आयुष अनुसंधान पोर्टल पर 43,000 से अधिक अध्ययन होस्ट किए गए हैं, जो साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य सेवा पर जोर देते हैं।

इसमें कोविड-19 प्रबंधन के लिए आयुष-64 और कबासुर कुदिनीर तथा सीएसआईआर, आईसीएमआर, एम्स के साथ सहयोग शामिल हैं।

श्रीपद नाइक ने कहा कि एआई के माध्यम से आयुष के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी एकीकरण

आयुष ग्रिड, ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन की शुरुआत की गई। आयुष टेलीमेडिसिन ने दूरदराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुंचाई है।

वैश्विक पहुंच और भागीदारी

रणनीतिक सहयोग और पहलों के माध्यम से आयुष की वैश्विक उपस्थिति काफी मजबूत हुई है।

आयुष के क्षेत्र में 24 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके पूरक के रूप में 48 संस्थान-दर-संस्थान स्तर के एमओयू ने सहयोगी अनुसंधान को बढ़ावा दिया।

अकादमिक चेयर स्थापित करने, आयुष शिक्षा और अनुसंधान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए 15 एमओयू स्थापित किए गए हैं। उल्लेखनीय समझौतों में भारत और डब्ल्यूएचओ के बीच डोनर समझौता, भारत और वियतनाम के बीच औषधीय पौधों के सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन और भारत और मलेशिया के बीच आयुर्वेद पर एक ऐतिहासिक समझौता शामिल है, जो आयुष के वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है।

उन्होंने कहा कि

आयुष बाजार में तेजी से वृद्धि हुई है। साल 2014 में 2.85 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2023 में 43.4 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है, और निर्यात 1.09 बिलियन अमरीकी डॉलर से दोगुना होकर 2.16 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है।

एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए समर्थन ने इस क्षेत्र को और मजबूत किया है।

—————

(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

Most Popular

To Top