नई दिल्ली, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । श्री प्रीतम धाम दशमेश धाम चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक पीठाधीश्वर बाबा हरिदास ने दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों में 40 दिन तक लगातार ‘‘यमुना बचाओ यात्रा’’ के माध्यम से जन-जागरण करने का ऐलान किया है। यह जन-जागरण 17 नवंबर से 26 दिसंबर तक होगा। बाबा हरिदास के सानिध्य में उनके साथ साधु-संत, महात्मा व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। यात्रा प्रीतम धाम ठोकर नं. 14ए निकट श्मशान घाट, गीता कालोनी, दिल्ली से प्रारम्भ होगी।
यहां आज एक प्रेस कान्फ्रेंस में बाबा हरिदास ने कहा कि मौजूदा परिवेश में उद्योगपति लोगों द्वारा फैक्टरियों व कल-कारखानों के माध्यम से केमिकल युक्त पानी नालों में बहाकर यमुना नदी को प्रदूषित किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने किसी एक विभाग की जिम्मेदारी तय नहीं की, जिसके कारण यमुना सफाई के कार्य को एक विभाग दूसरे विभाग पर समस्या के निवारण के लिए टालता जाता है। उन्होंने कहा कि सीवेज/वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना को भी अत्यंत लापरवाही व धीमी गति से किया जा रहा है। जिससे 80 प्रतिशत दिल्ली की जनता दूषित पानी पीने पर मजबूर है।
उन्होंने कहा कि यमुना के प्रदूषित जल को तमाम विधियों से साफ करने के बाद नल, बोतलों के माध्यम से पीने योग्य बनाया जाता है। प्रदूषित जल में कहीं ना कहीं कोई कमी रह जाती है, जिससे पेट की आंत्रशोथ व अन्य बीमारियों के अलावा किडनी, चर्म रोग, कैंसर, हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का अनुपात बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि यमुना के किनारे पैदा होने वाली साग-सब्जियों ने जल और वायु प्रदूषण के चलते खाद्य असुरक्षा पैदा कर दी है। इसके अलावा यमुना की जैव विविधता तो समूल रूप से नष्ट हो गई है। मछलियां, कछुए, पानी वाले सांप आदि सभी जीव जहरीले पानी के चलते मर गए हैं।
बाबा हरिदास ने कोरोना काल का उदाहरण देते हुए कहा कि उपरोक्त समय में यमुना स्वच्छ, निर्मल, अविरल बहने लगी थी तो उसमें जैव विविधता स्वतः ही देखने को मिलने लगी थी। जिसमें सभी जीव अठखेलियां कर रहे थे। इसका कारण फैक्टरियां, कल-कारखाने बंद थे। आज यमुना के जल जीव लुप्त हो गए हैं। आज के हालात में अनधिकृत कालोनियों और जेजे कालोनियों, झुग्गी-बस्तियां, पटरियों व पुलों के नीचे गुजर-बसर करने वाले लोग 80 प्रतिशत जनता प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है।
ट्रस्ट के महासचिव डाॅ. आर.पी. सिंह ने कहा कि प्रकृति सभी धर्मों का मूल आधार है। प्रकृति ही उपचार-उपासना का प्रतीक है और जीवन दायिनी यमुना के स्वरूप को स्वच्छ, निर्मल, अविरल बहने के तत्व दर्शन को आत्मसात करना ही ट्रस्ट एवं समर्थक भक्तजनों का मूल उद्देश्य है।
इस अवसर पर बाबा हरिदास, डाॅ. आरपी सिंह और सुप्रसिद्ध कथावाचक आचार्य गौरव दुबे, वरिष्ठ पत्रकार अमित कुमार, दिल्ली झुग्गी-झोपड़ी एकता मंच के जवाहर सिंह, मेडिसिन बाबा फाउंडेशन से ओंकानाथ शर्मा, डाॅ. राजकुमार एडवोकेट एवं पं. अनिल शर्मा गजराज जी महाराज, जन विश्वास संगठन के रजनीश शर्मा आदि लोग मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी