जयपुर, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । भगवान श्री विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का प्राकट्योत्सव 26 अगस्त को ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देव जी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां अंतिम चरण में चल रही है। पूरे मंदिर परिसर को बांदरवाल से सजाया गया है। विशेष आकर्षक रोशनी की गई है।
मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि मंदिर के मुख्य द्वार एवं निकास कुआं द्वार पर शहनाई वादन होगा। ठाकुर श्रीजी का 26 अगस्त को सुबह मंगला झांकी पूर्व पंचामृत अभिषेक होगा। ठाकुर श्रीजी को नवीन पीत वस्त्र (पीले) धारण करवाए जाएंगे एवं विशेष अलंकार धारण कराए जाएंगे। ठाकुर श्रीजी का विशेष फूलों का श्रृंगार किया जाएगा। ठाकुर श्रीजी की पोशाक पीली रेशमी कपड़े में बनाई जा रही है। जिसमें राजस्थानी गोटा पत्ती का कार्य किया गया है। पोशाक बनाने में डेढ़ से दो महीने में लगते हैं। जयपुर के कारीगर द्वारा पोशाक बनाते हैं। पोशाक में ठाकुर श्रीजी के बाल गोपाल स्वरूप के दर्शन होंगे।
ये रहेगी दर्शन व्यवस्था
श्री कृष्ण जन्माष्टमी को सुबह मंगला झांकी से ही दर्शनार्थियों की दर्शन व्यवस्था प्रारंभ हो जाएगी। पास धारक, आमजन प्रवेश बिना जूता चप्पल, आम जन प्रवेश जूता चप्पल वालों के लिए तीन अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था की गई है। इन तीनों लाइनों से आकर दर्शनार्थी दर्शन लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
जो लोग जलेबी चौक से आएंगे उनका निकास जय निवास बाग पूर्वी गेट से होगा। जो दर्शनार्थ ब्रह्मपुरी, कंवर नगर की ओर से आएंगे वे चिंताहरण हनुमान जी मंदिर होते हुए जय निवास बाग पश्चिम द्वार से निकास करेंगे।
935 किलो पंचामृत से होगा जन्माभिषेक
26 अगस्त को रात्रि 10 से 11 बजे तक गोविंद जी मिश्र श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ करेंगे। रात्रि 12 बजे 31 तोपों की सलामी होगी एवं विशेष रंगीन आतिशबाजी की जाएगी। रात्रि 12 बजे गोविंद अभिषेक दर्शन खुलेंगे। इसमें 6 पंडित वेद पाठ करेंगे। श्री शालिग्राम पूजन एवं पांच द्रव्यों के पूजन के बाद ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। अभिषेक के लिए 425 लीटर दूध, 365 दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा, 11 किलो शहद का उपयोग किया जाएगा। दूध,दही, घी देसी नस्ल की गाय का ही होगा। अभिषेक के बाद ठाकुरजी को विशेष भोग अर्पण किया जाएगा। जिसमें पंजीरी लड्डू, खिरसा एवं रबड़ी कुल्लड़ का भोग शामिल है। अभिषेक के बाद सभी भक्तों में निशुल्क पंचामृत एवं पंजीरी वितरण जय निवास बाग में बने प्रसादी मंच से किया जाएगा।
3150 कार्यकर्ता देंगे सेवाएं
जन्माष्टमी में लगभग 3000 कार्यकर्ता सुबह मंगला झांकी से अभिषेक समाप्त होने तक निरंतर अपनी सेवा प्रदान करेंगे। इसके साथ करीबन 150 स्काउट भी इस व्यवस्था में रहेंगे। इन कार्यकर्ताओं में समाज के सभी वर्गों और प्रोफेशन के लोग शामिल निशुल्क सेवाएं देंगे। सेवा के लिए अल्पकालीन प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
प्रशासन का आग्रह कीमती सामान नहीं लाएं
दर्शनार्थियों को सुगमता से दर्शन हो सके इसके लिए 13 एलईडी की व्यवस्था की गई है। पुलिस प्रशासन की ओर से दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए 8 से 10 मेटल डिटेक्टर लगाए जाएंगे। इसमें से होते हुए दर्शनार्थी मंदिर में प्रवेश करेंगे। मंदिर प्रशासन की ओर से दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से चिन्हित जगहों पर सीसीटीवी लगवाए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए सभी दर्शनार्थियों से निवेदन किया गया है कि वह अपने साथ कीमती सामान जैसे लेडिज पर्स एवं अन्य सामान नहीं लाएं। प्रसाद, फल, मिठाई, नारियल, लैपटॉप, कैमरा का मंदिर में प्रवेश निषेध है। अगर लेकर आते हैं तो इन्हें मंदिर मुख्य प्रवेश द्वार पर जमा कराना होगा। सभी दर्शनार्थियों से यह भी निवेदन किया गया है कि वह मंदिर परिसर में भारतीय परिधान पहनकर प्रवेश करें। जूते-चप्पल जूता घर में खोलकर आएं। हेलमेट भी गाड़ी पर ही लगाकर आएं।
मातहत मंदिरों में होगा उत्सव
गोविंद देव जी के अधीन मंदिर श्री राधा माधवजी, नटवरजी, कुंज बिहारीजी, श्री गोपालजी नागा, श्री गोपालजी तालाब, श्री मुरली मनोहर जी, श्री गोपाल जी रोपाड़ा में जन्माष्टमी उत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया जाएगा।
नंदोत्सव 27 अगस्त को
ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी में 27 अगस्त को सुबह सवा नौ बजे से नंदोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। ठाकुर श्रीजी को केसरिया रंग की नवीन पोशाक धारण कराकर विभिन्न फूलों से मनोरम श्रृंगार किया जाएगा। विशेष अलंकार धारण करवाए जाएंगे।
शोभायात्रा 27 अगस्त को
आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में 27 अगस्त को शाम साढ़े चार बजे नगर भ्रमण पर निकलेंगे और श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। ठाकुर श्रीजी की शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से जयकारों के साथ रवाना होगी। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामीजी महाराज ठाकुरजी की आरती कर शोभायात्रा को रवाना करेंगे। गाजेबाजे के साथ निकलने वाली शोभायात्रा में अनेक वैष्णव मंडल हरिनाम संकीर्तन करते और नृत्य करते हुए चलेंगे।
—————
(Udaipur Kiran)