
नैनीताल, 01 अप्रैल (Udaipur Kiran) । नैनीताल हाईकोर्ट ने जिला पंचायत अध्यक्ष चमोली रजनी भंडारी को प्रशासक नियुक्त नहीं करने के मामले में दायर स्पेशल अपील पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के 27 मार्च के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर सख्त रुख अपनाते हुए सचिव पंचायतीराज व जिलाधिकारी चमोली के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने का दोषी पाते हुए उन्हें अवमानना का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने बीते 27 मार्च को राज्य सरकार से कहा था कि याचिकाकर्ता को शीघ्र प्रशासक का चार्ज दें और उसकी रिपोर्ट एक अप्रैल तक कोर्ट में पेश करें। लेकिन अभी तक कोर्ट में सरकार ने रिपोर्ट पेश नहीं की और न ही उनको प्रशासक का चार्ज दिया। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए दोनों अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना करने पर नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष स्पेशल अपील दायर कर कहा था कि जिला पंचायतों का कार्यकाल पूर्व में समाप्त हो गया था। उसके बाद सरकार ने सभी निवर्तमान अध्यक्षों को प्रशासक बना दिया लेकिन उन्हें प्रशासक नियुक्त नहीं किया। उनके द्वारा इस पर आपत्ति करने पर सरकार ने कहा कि उनका मुकदमा हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए उन्हें प्रशासक नहीं बनाया जा सकता। याचिका में कहा गया कि वे हाईकोर्ट के आदेश के बाद बहाल हो गई थी। बहाली का आदेश आज भी बरकरार है। जिस पर कोर्ट ने उन्हें शीघ्र प्रशासक का चार्ज देने के साथ उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था। पूर्व में उनके द्वारा उच्च न्यायालय में अपनी बहाली को लेकर याचिका दायर की गई थी। उन पर आरोप था कि पूर्व ब्लॉक प्रमुख नंदन सिंह बिष्ट की शिकायत पर पंचायती राज विभाग ने एक आदेश जारी करके उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। उन पर आरोप था उन्होंने वर्ष 2012-13 में नंदाराज जात यात्रा मार्ग पर विकास कार्यों संबंधी निविदाओं में गड़बड़ी की थी। यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने इस दौरान अपने दायित्व का उचित निर्वहन नहीं किया। याचिका में कहा गया था कि एक व्यक्ति की शिकायत पर सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया गया और अनियमितताओं के आरोप लगाए गए। उस आदेश को कोर्ट में उनके द्वारा चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने उस पर रोक लगाते हुए उन्हें बहाली के आदेश जारी किए थे।
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(Udaipur Kiran) / लता
