
शिवपुरी, 12 मार्च (Udaipur Kiran) । कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी द्वारा मध्य प्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के तहत शिवपुरी शहर सहित जिले के संपूर्ण शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए आदेश जारी किया है।
जारी आदेश के तहत जिले में आगामी समय में पेयजल संकट को दृष्टिगत रखते हुए निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है एवं आवश्यकता पड़ने पर जलस्त्रोत का अस्थायी रूप से अधिग्रहण कर शिवपुरी जिले में मध्य प्रदेश पेयजल अधिनियम 1986 तथा मध्य प्रदेश पेयजल अधिनियम संशोधित 2022 को लागू करने का उल्लेख किया गया है। कोई भी व्यक्ति कलेक्टर की अनुज्ञा के बिना जल अभावग्रस्त क्षेत्र में किसी भी जल स्त्रोत के सिंचन कर औद्योगिक प्रयोजन के लिये अथवा घरेलू उपयोग को छोडकर किसी भी अन्य प्रयोजन के लिये किन्ही भी साधनों द्वारा जल नहीं लेगा।
शिवपुरी जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिये संबंधित एसडीम शिवपुरी, पोहरी, कोलारस, करैरा एवं पिछोर को अपने-अपने क्षेत्रार्गत नवीन नलकूप खनन की अनुमति देने हेतु अधिकृत किया गया है।कोई भी व्यक्ति कलेक्टर या राज्य सरकार द्वारा इस नियमित प्राधिकृत किसी भी अन्य अधिकारी की अनुज्ञा के बिना जल अभावग्रस्त क्षेत्र में किसी अन्य प्रयोजन के लिये नलकूप नहीं खोदेगा। शासकीय प्रयोजन के लिये स्थानीय संस्थाओं के द्वारा किये जाने वाले नलकूप खनन पर यह आदेश लागू नहीं होगा। यह आदेश जारी होने के दिनांक से जल अभावग्रस्त क्षेत्र में मध्य प्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के समस्त अन्य प्रावधान लागू हो जाएगें तथा उक्त प्रावधानों का उल्लंघन होने पर प्रथम अपराध के लिए पाँच हजार रूपये जुर्माने, अपराध से और पश्चातवर्ती प्रत्येक अपराध के लिए दस हजार रूपये के जुर्माने से या कारावास, जो दो वर्ष तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा।
(Udaipur Kiran) / रंजीत गुप्ता
