शिवपुरी, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । शिवपुरी में एक विदेश जोड़े की शादी गुरुपूर्णिमा के दिन होने जा रही है। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। शिवपुरी में इसके लिए एक मैरिज हॉल में तैयारी की गई है। स्विट्जरलैंड के मार्टिन और जर्मनी की उलरिके भारतीय रीति-रिवाज से शादी करेंगे। शिवपुरी के एक आध्यात्मिक संत गुरुजी डॉ. रघुवीर सिंह गौर से प्रभावित होकर शिवपुरी आए इस विदेशी जोड़े में अपनी शादी को लेकर उत्साह है। भारतीय संस्कृति और शिवपुरी के एक गुरुजी डॉ रघुवीर सिंह गौर के स्लोगन सेवाकई में प्रभु काई शब्द से प्रभावित होकर और उसका अर्थ जानकर यह विदेशी जोड़ा शिवपुरी में 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन विवाह बंधन में बंधेगा।
सभी तैयारियां लगभग पूरी-
स्विट्जरलैंड के मार्टिन और जर्मनी की उलरिके भारतीय रीति-रिवाज से शादी को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है। यह दोनों विदेशी अभी शिवपुरी में हैं और वे गुरु डॉ. रघुवीर सिंह गौर के यहां रुके हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति से शादी का मन अध्यात्म की दुनिया से जुड़ने के बाद बनाया है। स्विट्जरलैंड के यूरिख में रहने वाले मार्टिन आमवस्टन (45) पेशे से लीगल ऑडिट में कंप्लायंस ऑफिसर हैं। उन्होंने बताया कि वह आध्यात्मिक संत गुरुजी डॉ. रघुवीर सिंह गौर के संपर्क में 5 साल पहले सोशल साइट्स के माध्यम से आए थे। शुरुआत में उन्होंने ध्यान के संबंध में उनसे ऑनलाइन मदद ली।
स्लोगन सेवकाई में प्रभुताई शब्द का अर्थ जाना-
मार्टिन आमवस्टन ने बताया कि आध्यात्मिक संत गुरुजी डॉ. रघुवीर सिंह गौर के संपर्क में आने के बाद स्लोगन सेवकाई में प्रभुताई शब्द का अर्थ जाना तो पता चला कि हमने अपने जीवन के 45 साल यूं ही गंवा दिए। इसके बाद गुरु जी के सानिध्य में अध्यात्म की दुनिया से जुड़ गए। इसके बाद मैं गुरुजी के दर्शन करने के लिए भारत आने लगा। यहां आकर मुझे मानसिक शांति मिलती है। मार्टिन ने बताया कि एक टूर के दौरान मेरी मुलाकात स्पेन में उलरिके (48) से हुई। वह जर्मनी के म्यूनिख शहर की रहने वाली हैं। पेशे से नर्स हैं और नामी हॉस्पिटल में पदस्थ हैं। हम दोनों जब मिले तो हमारे विचार एक से थे। विचारों ने मेल खाया तो दोस्ती बढ़ गई।
डॉ रघुवीर सिंह गौर के संस्थान से कई देशों के लोग जुड़े हैं-
शिवपुरी के रहने वाले और अब विश्वविख्यात संत और विश्व आध्यात्मिक संस्थान के प्रमुख डॉ. रघुवीर सिंह गौर जाने माने आध्यात्मिक गुरु हैं। डॉ. रघुवीर सिंह गौर ने बताया कि उनके संस्थान से करीब 150 देशों के लोग जुड़े हैं। यह संस्थान लोगों के जीवन का उत्थान करने के लिए, चेतना के विकास और सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर लोगों को आगे बढ़ाने का काम करता है। डॉ. गौर बताते हैं कि भारतीय रीति-रिवाज से शादी की जो पद्धति है, इसमें पति-पत्नी एक-दूसरे के प्रति समर्पित रहते हैं। यह समर्पण भाव राष्ट्र की उन्नति और दंपती के जीवन कल्याण के लिए आवश्यक होता हैं।
(Udaipur Kiran) / रंजीत गुप्ता / राजू विश्वकर्मा