
शिवपुरी, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शिवपुरी जिले में रबी फसलों की बोवनी का कार्य किसानों द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है। इसी बीच कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों को उर्वरक प्रबंधन के बारे में किसानों को सलाह दी जा रही है। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र वैज्ञानिक और कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा कृषि उपज मंडी और खेतों पर जाकर किसानों को उर्वरक प्रबंधन के बारे में बताया जा रहा है।
किसानों को बताया जा रहा है कि रबी फसलों में पोषक तत्व प्रबंधन के लिए उर्वरकों का चयन करते समय उर्वरकों से मिलने वाली पोषक तत्वों की मात्रा का विशेष ध्यान रखें।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि ने किसान भाइयों को डीएपी के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरक एनपीके, यूरिया, सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करने के बारे में बताया जा रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले के कई प्रगतिशील किसानों द्वारा पिछले वर्ष रबी फसलों में मिश्रित उर्वरक का एनपी मिश्रित उर्वरक का उपयोग किया गया जिनका उन्हें लाभ हुआ इसलिए किसान भाइयों को मंडियों और खेतों में जाकर सलाह दी जा रही है
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ एमके भार्गव ने बताया कि रबी सीजन में किसानों को उर्वरक प्रबंधन के बारे में बताया जा रहा है। इसके लिए मंडी व खेतों में हमारी टीम द्वारा जाकर सलाह दी जा रही है। किसानों को बताया जा रहा है कि डीएपी के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरक एनपीके, यूरिया, सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करें।
(Udaipur Kiran) / रंजीत गुप्ता
