Chhattisgarh

धमतरी में हर्षोल्लास के साथ निकली शिवजी की बारात, दिखा उत्साह

भगवान शिव की वेशभूषा में चलते हुए कलाकार।
भोलेनाथ की बरात में नृत्य करते हुए नर्तक दल के सदस्य।

धमतरी, 25 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । महाशिवरात्रि के पूर्व मंगलवार 25 फरवरी को धमतरी शहर में भगवान शिव और माता पार्वती की बारात निकाली। इस बारात में शामिल भूत प्रेत और अन्य विभिन्न पौराणिक पात्र का आकर्षण दिखते ही बना। बिलाई माता मंदिर के पास से निकली यह बारात देर शाम बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई। रास्ते भर भगवान शिव की बारात को देखने लोग उमड़े। कई स्थान पर लोगों ने बारात की पूजा अर्चना भी की।

शिव की बारात बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट और भोले भक्तों की ओर से धमतरी शहर में बड़े ही धूमधाम से निकाली गई। इस दौरान बनारस की तर्ज पर बड़े ही उल्लास के साथ भगवान शंकर में भक्त झूमते नजर आए। बारात में ढोल-नगाड़े, बाजे-गाजे, भूत-प्रेत और अघोरी बाबा, शिव पार्वती विवाह की झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। इसे देखने लोगों की भीड़ लगी रही। महाशिवरात्रि के पूर्व संध्या पर निकाली गई यह बारात कथा कहानी और फिल्मों में दिखाए जाने वाले दृश्य की तरह दिखाई दी। भगवान शिव की बारात में भूत, प्रेत, पिशाच और अघोरी बाबाओं की टोली शिव की बारात में बाराती बने और थिरकते नजर आए।

श्री बूढ़ेश्वर मंदिर के ट्रस्ट और बोल बम कांवरिया संघ के साथ ही शहर भर के शिव भक्त कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। झांकी में बनारस से अघोरी बाबा का दल पहुंचा है। विशेष झांकी भी आई है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ी पारंपरिक बस्तरिया नृत्य, आंगा देव, भोलेनाथ की झांकी, दुर्ग से शिव-पार्वती विवाह की झांकी, कलकत्ता से तीन झांकी पहुंची है। शोभायात्रा में शिव जी की पालकी, डीजे धुमाल, नागा साधुओं की टोली भी है। भगवान शिव की बारात को देखने शहर के अलावा आसपास के गांवों से भी लोग काफी संख्या में पहुंचे। धमतरी के इतवारी बाजार में लगभग 14 सौ साल पुराना बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर है, जहां महाशिवरात्रि पर्व को बड़े ही धूम धाम के साथ हर साल मनाया जाता है। भगवान शिव का विवाह यहां पूरे रीति-रिवाज के साथ मनाया गया। हल्दी, मेहंदी, संगीत के साथ साथ अब बारात भी धूमधाम से निकाली गई। बनारस के तर्ज पर भगवान भोले की बारात निकाली जाती है, जो शहर के विंध्यवासिनी मंदिर से शुरू होकर राम बाग होते हुए शहर के प्रमुख मार्ग से गुजरकर इतवारी बाजार स्थित बूढ़ेश्वर मंदिर पहुंचती है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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