गोरखपुर, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम गोरखपुर में गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कालेज) के नवप्रवेशित बीएएमएस विद्यार्थियों के पंद्रह दिवसीय दीक्षारम्भ समारोह के तेरहवें दिन विद्यार्थियों का असिस्टेंट प्रोफेसर आचार्य साध्वी नन्दन पाण्डेय द्वारा शिष्योपनयन कार्यक्रम संपन्न कराया गया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. डॉ. सुरिंदर सिंह ने विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाते हुए धन्वंतरि पूजन और यज्ञ संपन्न कराया। कुलपति डॉ. सिंह ने विद्यार्थियों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि हमें संस्कृति और विज्ञान को साथ-साथ आगे बढ़ाना है। शिष्योपनयन कार्यक्रम हमारे देश की आद्य परंपरा है। यहां के आचार्य साधुवाद के पात्र हैं जो इसे आज भी जीवित रखे हैं। हमारी संस्कृति और धर्म हमें कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने की आज्ञा प्रदान करता है। धन्वंतरि यज्ञ में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित एमपी बिड़ला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के निदेशक और विख्यात कैंसर सर्जन डॉ. संजय माहेश्वरी ने कहा कि यज्ञ और देव पूजन हमें अपने कर्तव्यों को निर्वहन करने के लिए आत्मबल प्रदान करते हैं। शिष्योपनयन कार्यक्रम में कुलपति, विशिष्ट अतिथि, विद्यार्थियों, शिक्षकों और चिकित्सकों ने पूजन हवन कर प्रसाद ग्रहण किया।
सफलता के लिए महत्वपूर्ण है संचार कौशल : दुष्यंत सिंह
दीक्षारम्भ समारोह में मंगलवार को ‘संचार कौशल और आलोचनात्मक सोच’ विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल दुष्यंत सिंह ने कहा कि संचार कौशल व्यक्ति की वह क्षमता है जिससे वह अपने विचारों, भावनाओं, और जानकारी को प्रभावी ढंग से दूसरों तक पहुंचा सकता है। यह कौशल जीवन के हर पहलू में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
आलोचनात्मक सोच एक ऐसी मानसिक प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति तथ्यों, सूचनाओं और परिस्थितियों का गहन विश्लेषण करके तार्किक और संतुलित निष्कर्ष पर पहुंचता है। यह कौशल निर्णय लेने और समस्याओं को हल करने के लिए अत्यधिक उपयोगी है।
इस अवसर पर आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम, डॉ. अरविन्द कुशवाह, डॉ. विनम्र शर्मा, डॉ. राजेश बहल, डॉ. साध्वी नन्दन पाण्डेय, डॉ. देवी समेत बीएएमएस के सभी नवप्रवेशित विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय