शिमला, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट के चुनाव में क्रॉस वोटिंग मामले में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त मामले में शिमला पुलिस को गुरुग्राम से खाली हाथ लौटना पड़ा है। शिमला पुलिस कोर्ट के आदेश से
हेलीकाप्टर कम्पनियों का रिकार्ड खंगालने गुरुग्राम पहुंची थी। पुलिस की जांच में गुरुग्राम पुलिस ने सहयाेग नहीं किया।
दरअसल, हिमाचल पुलिस को गुरुग्राम की पुलिस दोपहर करीब 3 बजे हिमाचल पुलिस टीम को थाने ले जाया गया और देर रात तक वहां रोके रखा। बुधवार को यह टीम शिमला लौट आई है। शिमला पुलिस ने हेलीकॉप्टर कंपनियों से तत्कालीन विधायकों की हवाई सेवाओं का रिकॉर्ड और इस पर हुए खर्च होने वाली राशि का ब्योरा मांगा था, लेकिन कंपनियां रिकॉर्ड देने में आनाकानी करती रहीं और हरियाणा पुलिस ने जांच में भी सहयोग नहीं किया। गुरुग्राम पुलिस हिमाचल की पुलिस को जांच से रोक दिया है।
हाई कोर्ट से दोबारा सर्च वारंट हासिल करेगी हिमाचल पुलिस
इस घटनाक्रम में तीन हेलीकॉप्टर कंपनियां ग्लोबल वैक्ट्रा, पवन हंस और बिंडबोर्न एयरवन का रिकार्ड खंगालने के लिए शिमला पुलिस हाई कोर्ट से फिर से सर्च वारंट हासिल करेगी। वहीं गुरुग्राम प्रकरण के बाद अपनी रिपोर्ट हाई स्कूल को भेजेगी।
यह है पूरा मामला
लोकसभा चुनाव के दौरान विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम के तहत बालूगंज पुलिस थाना में 27 फरवरी को एक केस दर्ज किया गया। इस मामले की जांच के लिए शिमला पुलिस की एक टीम गुरुग्राम पहुंची थी। कांग्रेस के विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने 10 मार्च को बालूगंज थाना में केस दर्ज करवाए थे। इस मामले में पुलिस अभी तक हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार तरुण भंडारी, चैतन्य शर्मा, आशीष शर्मा, राकेश शर्मा और रवि ठाकुर से पूछताछ कर चुकी है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में नेताओं के होटलों में ठहरने और हवाई यात्राओं को लेकर हुए लाखों रुपये का खर्च होने का मामला सामने आया था। मामले के अनुसार विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता सेवानिवृत आईएएस अधिकारी राकेश शर्मा पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए विधायकों के फाइव से सेवन स्टार होटलों में ठहराने की व्यवस्था की थी।
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा कुमार सक्सैना