उज्जैन, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । मेडिकल कॉलेज का नया भवन बनाने के लिए जिला अस्पताल के पुराने भवन को तोडऩे का काम करीब दो माह टल गया है। कलेक्टर ने 15 जुलाई तक शिफ्टिंग की डेड लाइन दी थी। इधर सिविल वर्क के टेंडर ही नहीं खुल पाए। ऐसे में काम ही शुरू नहीं होने के चलते शिफ्टिंग पूरी तरह से रूकी हुई है। फिलहाल सितंबर माह से पूर्व शिफ्टिंग के चांसेस नहीं है। अधिकारियों का यही कहना है।
जिला अस्पताल भवन के विभिन्न वार्डो को 15 जुलाई तक चरक और शा.माधवनगर हॉस्पिटल में शिफ्ट करना था। इसके लिए कलेक्टर ने बैठक भी ली थी। वहीं सीएमएचओ के नेतृत्व में जिलेभर के चिकित्सकों की बैठक भी सम्पन्न हो गई थी। एक माह पूर्व तक यह माना जा रहा था कि सबकुछ समय पर हो जाएगा। लेकिन सिविल वर्क के टेंडर नहीं होने और टेंडर होने के बाद समय अधिक लगने के कारण यह सारी योजना कागज पर सिमट गई है। जब तक सिविल वर्क पूरे नहीं होंगे,दोनों अस्पताल भवनों में यहां से वार्ड, संसाधन,ओपीडी,स्पेशल ओपीडी आदि शिफ्ट नहीं हो पाएगी। पोस्टमार्टम भवन और डायलिसिस यूनिट तो संभव ही नहीं हो पाएगी। पोस्मार्टम भवन जहां चरक भवन के पिछे बनना है वहीं डायलिसिस यूनिट शा.माधवनगर हॉस्पिटल में स्थानांतरित होना है। इसके लिए पहले आर ओ प्लांट वहां पर अलग से स्थापित करना होगा। उसके बाद ही अन्य कार्य संभव होंगे। यही स्थिति अन्य वार्डो को लेकर भी है।
इनका कहना है…
इस संबंध में चर्चा करने पर सिविल सर्जन डॉ.पी.एन.वर्मा ने कहाकि आज मंगलवार को सिविल वर्क के टेंडर खुलेंगे, ऐसी सूचना है। उसके बाद ही दोनों हॉस्पिटल में सिविल वर्क प्रारंभ होंगे। इस पूरे काम में करीब दो माह लगने की संभावना है। ऐसे में दो माह तक तो जिला अस्पताल भवन के विभिन्न वार्डो और अन्य सहायक इकाईयों को शिफ्ट करना मुश्किल है। भोपाल से मार्गदर्शन मांगा गया है। आगे जैसे आदेश होंगे,वैसा करेंगे।
एक से दो माह लग सकते हैं शिफ्टिंग में
मेडिकल कॉलेज का नया भवन बनाने के लिए जिला अस्पताल के पुराने भवन को तोडऩे का काम करीब दो माह टल गया है। कलेक्टर ने 15 जुलाई तक शिफ्टिंग की डेड लाइन दी थी। इधर सिविल वर्क के टेंडर ही नहीं खुल पाए। ऐसे में काम ही शुरू नहीं होने के चलते शिफ्टिंग पूरी तरह से रूकी हुई है। फिलहाल सितंबर माह से पूर्व शिफ्टिंग के चांसेस नहीं है। अधिकारियों का यही कहना है।
जिला अस्पताल भवन के विभिन्न वार्डो को 15 जुलाई तक चरक और शा.माधवनगर हॉस्पिटल में शिफ्ट करना था। इसके लिए कलेक्टर ने बैठक भी ली थी। वहीं सीएमएचओ के नेतृत्व में जिलेभर के चिकित्सकों की बैठक भी सम्पन्न हो गई थी। एक माह पूर्व तक यह माना जा रहा था कि सबकुछ समय पर हो जाएगा। लेकिन सिविल वर्क के टेंडर नहीं होने और टेंडर होने के बाद समय अधिक लगने के कारण यह सारी योजना कागज पर सिमट गई है। जब तक सिविल वर्क पूरे नहीं होंगे,दोनों अस्पताल भवनों में यहां से वार्ड, संसाधन,ओपीडी,स्पेशल ओपीडी आदि शिफ्ट नहीं हो पाएगी। पोस्टमार्टम भवन और डायलिसिस यूनिट तो संभव ही नहीं हो पाएगी। पोस्मार्टम भवन जहां चरक भवन के पिछे बनना है वहीं डायलिसिस यूनिट शा.माधवनगर हॉस्पिटल में स्थानांतरित होना है। इसके लिए पहले आर ओ प्लांट वहां पर अलग से स्थापित करना होगा। उसके बाद ही अन्य कार्य संभव होंगे। यही स्थिति अन्य वार्डो को लेकर भी है।
इस संबंध में चर्चा करने पर सिविल सर्जन डॉ.पी.एन.वर्मा ने कहाकि मंगलवार को सिविल वर्क के टेंडर खुलेंगे,ऐसी सूचना है। उसके बाद ही दोनों हॉस्पिटल में सिविल वर्क प्रारंभ होंगे। इस पूरे काम में करीब दो माह लगने की संभावना है। ऐसे में दो माह तक तो जिला अस्पताल भवन के विभिन्न वार्डो और अन्य सहायक इकाईयों को शिफ्ट करना मुश्किल है। भोपाल से मार्गदर्शन मांगा गया है। आगे जैसे आदेश होंगे,वैसा करें
(Udaipur Kiran) / ललित ज्वैलर्स / राजू विश्वकर्मा