लघु वनोपज संग्रहणकर्ताओं से संवाद कार्यक्रम
भोपाल, 27 सितंबर (Udaipur Kiran) । वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत ने कहा कि लघु वनोपज संग्रहण से जुड़े एसएचजी को वन-धन केन्द्रों से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि श्योपुर जिले में वनोपज की बहुलता है और यहाँ के हजारों परिवार वनोपज संग्रहण से जुड़े हुए हैं। मंत्री रावत ने कहा कि क्षेत्र में तेन्दूपत्ता से लेकर विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों का कार्य बड़े पैमाने पर होता है।
वन मंत्री रावत शुक्रवार काे जनपद पंचायत कराहल के सामुदायिक प्रशिक्षण केन्द्र में लघु वनोपज संग्रहणकर्ताओं के संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वन-धन केन्द्रों के माध्यम से वनोपज संग्रहणकर्ताओं को विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी।
वन मंत्री रावत ने संवाद के दौरान महिलाओं की माँग पर कॉमन फेसिलिटेशन सेंटर की स्थापना तथा उनसे संघों को जोड़ने के प्रस्ताव पर विचार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि वन-धन केन्द्र से इन समूहों को जोड़ने की प्रक्रिया की जायेगी। साथ ही वनोपज संग्रहण से जुड़े परिवारों को मूलभूत सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जायेंगी।
इस अवसर पर क्लस्टर लेवल फेडरेशन गोरस की अध्यक्ष सुनीता, बरगवा सीएलएफ की अध्यक्ष प्रीति, आवदा सीएलएफ की उपाध्यक्ष गुड्डी ने भी संवाद कार्यक्रम में अपने विचार रखे। एनआरएलएमडीपीएम सोहन कृष्ण मुद्गल ने बताया कि कराहल क्षेत्र में 3647 समूह संचालित हैं, जिनमें 40 हजार के लगभग महिलाएँ जुड़ी हुई हैं। कराहल क्षेत्र में सहरिया लघु वनोपज प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड का संचालन भी किया जा रहा है। इस कम्पनी से एनआरएलएम के समूह जुड़े हुए हैं, जो वनोपज संग्रहण का कार्य कर रहे हैं। संवाद कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारी और जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे